आयकर के नए स्लैब को आकर्षक बनाने के लिए कुछ राहतों को इसमें जोड़ा जा सकता है. नए स्लैब में हाई इनकम की सीमा भी 15 लाख से बढ़ाकर 20 लाख की जा सकती है. होम लोन पर मिलने वाली छूट भी नए स्लैब में शामिल की जा सकती है. पुराने स्लैब में भी कुछ सेक्शन पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है.
पीपीएफ जैसी योजनाओं में सालाना जमा की सीमा भी दोगुनी बढ़ाई जा सकती है. अभी इसमें अधिकतम 1.5 लाख रुपये ही जमा कर सकते हैं. इसे बढ़ाकर 3 लाख किया जा सकता है. इस पर जमा होने वाली राशि पर 80सी के तहत टैक्स छूट की सीमा भी बढ़ाई जा सकती है.
कोरोना महामारी में स्वास्थ्य सेवाओं का खर्च काफी बढ़ गया है. ऐसे में स्वास्थ्य बीमा पर मिलने वाली टैक्स छूट का दायरा भी सरकार बढ़ा सकती है. इससे आम आदमी को तो राहत मिलेगी ही साथ ही स्वास्थ्य बीमा की मांग भी बढ़ सकती है.
अधिकतर कंपनियों ने महामारी के दौरान संक्रमण से बचने के लिए वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) कल्चर को अपनाया है. इससे नौकरीपेशा वर्ग पर इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों, इंटरनेट आदि के रूप में खर्च भी बढ़ गया है. उम्मीद है कि Work From Home पर आए इस अतिरिक्त खर्च पर सरकार अलग से टैक्स छूट दे सकती है.
रेल किराये में भी इस बार बढ़ोतरी की संभावना कम ही है. माना जा रहा है कि सरकार यात्री किराये में किसी प्रकार का कोई इजाफा नहीं करेगी. दरअसल, पिछले साल रेल मालभाड़े के रूप में रेलवे की कमाई करीब 25 फीसदी तक बढ़ चुकी है, जिससे फिलहाल राजस्व का कोई दबाव नहीं. इसका लाभ आम आदमी को मिल सकता है.
सरकार देश के गरीब और मजदूर तबके की सामाजिक सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए नकद सहायता जैसी योजना ला सकती है. इसके तहत किसानों की तरह सीधे उनके खाते में पैसे भेजे जा सकते हैं. महामारी के बाद से सरकार इस तरह की योजना पर विचार कर रही है और श्रमिक पोर्टल के जरिये मजदूरों और गरीबों का डाटा भी जुटा रही है.