काठमांडू, नेपाल के काठमांडू में 10 अगस्त से शुरू हुए 15 वें बिम्सटेक, विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शामिल हुई हैं, जहाँ बिमस्टेक के सदस्य देशों के बीच सचिव स्तरीय बैठक होनी है, सुषमा स्वराज वहां नेपाली प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति से भी मुलाकात करेंगी। 11 अगस्त को दोपहर 1:30 बजे भूटान के साथ द्विपक्षीय वार्ता होनी है और दोपहर 2 बजे श्रीलंका के साथ द्विपक्षीय वार्ता और शाम 5 बजे इंडिया हाऊस में रिसेप्शन होगा, उम्मीद जताई जा रही है कि इस दौरान सुषमा भूटान के विदेशमंत्री के साथ मिलकर डोकलाम पर कोई हल निकाल सकें। जानकारी के मुताबिक, काठमांडू यात्रा के दौरान सुषमा स्वराज सम्मेलन में भूटानी समकक्ष दामचो दोरजी से मुलाकात भी करेंगी, डोकलाम को लेकर जारी तनाव के बाद भूटान और भारत दोनों विदेश मंत्रियों की यह पहली मुलाकात होगी। सुषमा के साथ इस मुलाकात में भूटानी विदेशमंत्री सीमाक्षेत्र को लेकर इस तनाव को कम करने के उपायों पर चर्चा करेंगे, डोकलाम को लेकर भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है, जहां एक तरफ चीन की ओर से भड़काऊ बयानबाजी की जा रही है, तो वहीं इस बार भारत भी अपनी सीमा पीछे हटाने के मूड में नहीं है, लेकिन इस पूरे मामले में भूटान ने अबतक चुप्पी साध रखी है। भूटान ने 19 जून को एक बयान जारी किया था, जिसमें उसने डोकलाम में चीन द्वारा सड़क निर्माण पर कड़ी आपत्ति जताई थी, और सूत्रों के हवाले से कहा की चीन 1988 और 1998 के समझौते को तोड़ रहा है । श्री अरुण जेठली ने भी कहा है कि भारतीय सेना अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए सक्षम है । खबर के अनुसार डोलम पठार से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने करीब 90 तंबू गाड़ दिए हैं। डोकलाम में भारत और चीन की सेना आमने-सामने खड़ी हैं, वहां की ऊँचाई करीब 10 हजार फीट है, करीब 100 से 150 फीट की दूरी पर दोनों देशों के करीब 350 सैनिक डटे हुए हैं । दूसरी तरफ वरिष्ट अधिकारियों ने चीनी सैनिकों की उपस्थिति पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया। उन्होंने आगे बताया कि विरोधी की तरफ से किसी भी तरह की हलचल की उम्मीद नहीं है, लेकिन भारतीय सैना डोकलाम के आसपास लगातार अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है।
विश्लेषण: डोकलाम पर काठमांडू में भारत और भूटान की द्विपक्षीय वार्ता सामरिक दृष्टीकोण से महत्वपूर्ण है।