एम. वेंकैया नायडू ने देश के 13वें उप-राष्ट्रपति पद पर शपथ ली है, राष्ट्रपति भवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वेंकैया नायडू को शपथ दिलाई। वेंकैया नायडू चार बार राज्य सभा से सदस्यय रहे, संसदीय मामलों की बेहतर समझ है, नायडू हमेशा से संघ और बीजेपी के सदस्यू रहे हैं, 1975 में इमरजेंसी के दौर में जेल में भी रहे हैं। उनकी नियुक्ति के साथ ही देश के तीन सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर बीजेपी की पृष्ठभूमि वाले नेता आसीन हो गए हैं। 68 वर्षीय वेंकैया नायडू आंध्र प्रदेश के प्रभावी कम्मात समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और महज 28 साल की उम्र में पहली बार एम.एल.ए बनकर सियासी सफर की शुरुआत की थी। भा.ज.पा के नेतृत्व में राष्ट्रपति के रूप में उत्तर भारत से रामनाथ कोविंद को चुने गए हैं, वहीँ दक्षिण भारत से वेंकैया नायडू को चुनकर संतुलन को ध्यान में रखा गया है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपने आधार को दक्षिण भारत में मजबूत बनाने पार्टी ने उप-राष्ट्रपति पद पर वेंकैया नायडू को चुना है। उप-राष्ट्रपति पद के 5 अगस्त को हुए मतदान में एन.डी.ए के उम्मीदवार वेंकैया नायडू को कुल 516 वोट मिले थे, वहीं यू.पी.ए के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी को 244 वोट मिले थे। वेंकैया ने विगत दिनों कहा है कि, “राज्यसभा के सभापति के रूप में मैं निर्भय और निष्पक्ष होकर सदन का कामकाज संचालित करने की ईमानदार कोशिश करूंगा, मैं सदन के कामकाज के नियमों और संकल्पों के अनुसार काम करूंगा और सभी सदस्यों के सहयोग से सदन की मर्यादा को बनाए रखूंगा।” प्रधानमंत्री एवं गुलामनबी आजाद ने आज शपथ ग्रहण पश्चात् सदन में उन्हें बधाई व शुभकामनाये दी।