दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की अपराध शाखा ने एक संगठित सट्टेबाजी (Organized Betting) और अपराधिक गिरोह का सरगना होने के आरोप में 39 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. अधिकारियों ने कहा कि पूर्वी उत्तम नगर निवासी ललित वर्मा उर्फ नीटू 2016 से फरार था और दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया था. पुलिस उपायुक्त (अपराध) मोनिका भारद्वाज (Monika Bhardwaj) ने कहा कि रविवार को अपराध शाखा, चाणक्यपुरी के अंतरराज्यीय प्रकोष्ठ की एक टीम ने वर्मा को गिरफ्तार किया, जो एक संगठित गिरोह का सरगना है.
उन्होंने कहा कि वर्मा के खिलाफ 2015 में दिल्ली के भजनपुरा में कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया था और उसे भगोड़ा घोषित किया गया था. उन्होंने कहा कि उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था. उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस ने पहले भी इसी तरह के एक मामले में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था. उन्होंने कहा कि 2015 के मामले की जांच के दौरान ललित वर्मा के पिता एवं गिरोह का हिस्सा रहे आरोपी रोशन लाल वर्मा ने एक खुलासे में अपने बेटे को आपराधिक गिरोह चलाने में सक्रिय भागीदारों में से एक बताया था.
कुछ सहयोगी गिरोह का काम संभाल रहे थे
पुलिस ने कहा कि आगे की जांच से पता चला है कि गिरोह के अधिकांश सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद ललित वर्मा और उनके कुछ सहयोगी गिरोह का काम संभाल रहे थे. अधिकारी ने कहा, ‘‘इस गुप्त सूचना के आधार पर कि आरोपी ललित वर्मा हिमाचल प्रदेश में कहीं छिपा हुआ है और वहां से ’सट्टे’ के अपने अवैध कारोबार के दिन-प्रतिदिन के मामलों का प्रबंधन करता है और कभी-कभी दिल्ली भी आता है. पुलिस टीम ने जानकारी एकत्र की और उसे यह पता चला कि वह रविवार को दिल्ली के पूर्वी उत्तम नगर में अपने स्थायी निवास पर आएगा.’’
इलाके का मुआयना किया गया
उन्होंने कहा कि उसके बाद आसपास के इलाके का मुआयना किया गया और रात करीब साढ़े नौ बजे जब आरोपी ललित कुमार अपने घर आया तो पुलिस पार्टी को देखकर वहां से भागने की कोशिश की लेकिन थोड़े प्रयास के बाद उसे पकड़ लिया गया. भारद्वाज ने कहा, ‘‘पूछताछ के दौरान, आरोपी ललित वर्मा ने खुलासा किया कि 2006 से, वह ’सट्टे’ के अवैध कारोबार में अपने पिता के साथ जुड़ा हुआ था. 2015 में, उसके पिता को दिल्ली पुलिस ने मकोका मामले में गिरफ्तार किया था और उसकी तलाश में पुलिस ने उसके पते पर छापा भी मारा था.’’
वाहनों के अलावा कई संपत्तियां हैं
भारद्वाज ने कहा, ‘‘अपने पिता की गिरफ्तारी के बाद, उसने पूरे गिरोह को अपने कब्जे में ले लिया और खुद छिपकर इसे चलाता था. उसने यह भी खुलासा किया कि इस व्यवसाय से उसने 100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की और इस अपराध की मदद से उनके पास देश भर में, कई वाहनों के अलावा कई संपत्तियां हैं.’’