महाराष्ट्र (Maharashtra) में अब डॉक्टर की सलाह के बिना कोविड सेल्फ टेस्ट किट की काउंटर पर खरीदारी संभव नहीं होगी. कोविड सेल्फ टेस्ट किट (corona Self Testing Kit) खरीदने के लिए डॉक्टर का पर्चा अनिवार्य करने पर एक दो दिन में निर्णय ले लिया जाएगा. महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) मंत्री राजेंद्र शिंगणे ने सीएनएन न्यूज18 को बताया कि सरकार इस पर जल्द निर्णय लेगी.
COVID मामलों के वास्तविक आंकड़े सामने नहीं आने के बारे में चिंता जताते हुए मंत्री राजेंद्र शिंगणे ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के साथ चर्चा होगी और इस बारे में कदम उठाएंगे. हालांकि दो दिन पहले बीएमसी की मेयर मयूर किशोरी पेडनेकर ने कहा था कि कोरोना की होम टेस्टिंग किट को बिना आधार कार्ड के नहीं बेचा जा सकेगा. उन्होंने कहा था कि हमने ये फैसला लिया है कि अब सेल्फ टेस्टिंग किट खरीदने के लिए सभी को अपना आधार कार्ड केमिस्ट को दिखाना होगा और दुकानदारों को इसका रिकॉर्ड मेनटेन करना होगा. साथ ही यदि इस टेस्ट में कोई पॉजिटिव आता है तो उन्हें प्रशासन को जानकारी देनी होगी या फिर ऑनलाइन अपनी डिटेल्स शेयर करनी होंगी.
डॉक्टर्स का कहना है कि कोविड सेल्फ टेस्ट किट इन दिनों काफी उपयोग की जाने लगी है. कई बार लोग किट की स्टिक यूज करने के बाद फेंक देते हैं जबकि वह बायो मेडिकल वेस्ट है, जिसके निपटान के लिए अलग सिस्टम होता है. वहीं, दवा बाजार में किट्स उपलब्ध हैं जो 250 रु. से 350 रु. की रेंज में है. कई लोग इन्हें खरीदकर खुद ही टेस्ट कर रहे हैं और पता लगा रहे हैं कि वे पॉजिटिव है या निगेटिव. इस दौरान किट खरीदने वाले की कोई जानकारी दुकानदारों के पास नहीं रहती है. ऐसे लोग जो सेंटर तक नहीं जाते वे घर में ही आसानी से रैपिड किट से टेस्ट कर सकते हैं और तत्काल रिपोर्ट भी पता चल जाती है. ऐसे में अगर वे पॉजिटिव हैं तो कोरोना से दूसरों को संक्रमित होने से बचा सकते हैं.
सिस्टम के तहत टेस्ट के बाद संबंधित को ICMR की एडवाइजरी के अनुसार संबंधित कंपनी के एप पर इसकी जानकारी भी फीड करना आवश्यक है लेकिन लोग व दुकानदार दोनों लापरवाही बरत रहे हैं. कुल मिलाकर कोविड सेल्फ टेस्ट किट अच्छा विकल्प है लेकिन उसका सिस्टम के तहत पालन नहीं हो रहा है.