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2008 मालेगांव ब्लास्ट केस: गवाह ने कोर्ट से कहा, ATS ने जबरन योगी आदित्यनाथ और RSS के 4 लोगों के नाम बुलवाए

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साल 2008 में हुए मालेगांव बम धमाके से संबंधित मामले में एक गवाह ने मंगलवार को विशेष एनआईए अदालत को बताया कि मामले की तत्कालीन जांच एजेंसी एटीएस ने उसे प्रताड़ित किया था. उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि एटीएस ने उन्हें योगी आदित्यनाथ और आरएसएस के 4 अन्य लोगों का गलत नाम लेने के लिए मजबूर किया. समाचार एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी दी.

दरअसल, गवाह ने महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के सामने दिया गया अपना बयान वापस ले लिया है. एटीएस ने शुरू में मामले की जांच की थी. इससे पहले बीते 22 दिसंबर को भी एक गवाह यहां विशेष एनआईए अदालत के समक्ष मुकर गया था. वह कथित रूप से एक बैठक में शामिल हुआ था, जिसमें आरोपी सैन्य अधिकारी प्रसाद पुरोहित और सुधाकर द्विवेदी ने हिंदुओं के साथ हो रहे ”अन्याय” के बारे में बात की थी.

22 दिसंबर को एक और गवाह कोर्ट में बयान से मुकरा था
साल 2007 में एटीएस के सामने दिये गए इस गवाह के बयान के अनुसार पुरोहित ने फोन कर उसे नासिक में ‘स्वामी शंकराचार्य’ (सुधाकर द्विवेदी) के ‘दर्शन’ करने के लिए कहा था. इसके बाद गवाह द्विवेदी से मिलने गया. बैठक में कुछ अन्य लोग भी मौजूद थे. इस दौरान द्विवेदी ने ”हिंदुत्व-वाद” के बारे में बात करते हुए अपने लैपटॉप पर एक सीडी भी चलाई थी, जिसमें हिंदुओं पर हुए अत्याचारों के दृश्य चल रहे थे.

मालेगांव केस के अन्य आरोपियों में भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी हैं
बयान में कहा गया है कि द्विवेदी और पुरोहित ने कहा था कि हिंदुओं के साथ अन्याय हो रहा है और वे इस बारे में कुछ नहीं कर पा रहे. बयान के अनुसार एक अन्य व्यक्ति ने मुस्लिमों के प्रति अपने आक्रोश के बारे में बात की और कहा कि एक बम धमाका होना चाहिये, लेकिन बुधवार (22 दिसंबर) को गवाह अपने बयान से पलट गया. इस मामले अन्य आरोपियों में भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर शामिल हैं.

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