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Vijay Mallya और Nirav Modi जैसे भगौड़ों से कितनी संपत्ति वसूली गई? सरकार ने संसद में दी ये जानकारी

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नीरव मोदी (Nirav Modi), विजय माल्या (Vijay Mallya) जैसे लोन लेकर भागने वाले बिजनेसमैन की संपत्ति को लेकर लोकसभा (Lok Sabha) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि लोन लेकर भागने वालों की संपत्तियां बेचकर बैंकों ने 13,109 करोड़ रुपये वसूल किए. वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले सात साल में समझौते और अन्य उपायों से 5.49 लाख करोड़ रूपये की वसूली की गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना से प्रभावित समय में अर्थव्यवस्था के बड़े विषयों पर ध्यान देने को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में इस बात की जानकारी दी है. लोकसभा ने वर्ष 2021-22 की पूरक अनुदान मांगों के दूसरे बैच पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ”बैंक सुरक्षित हैं, बैंकों में जमाकर्ताओं के पैसे सुरक्षित हैं. अर्थव्यवस्था से जुड़े बड़े विषयों पर ध्यान दिया जा रहा है.”

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों के पास पर्याप्त नदकी है और केवल दो राज्यों का नकदी संतुलन नकारात्मक है. उन्होंने बताया कि सरकार ई-जीओएम के माध्यम से खाद्य तेल एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों से जुड़ी समस्याओं पर विचार करेगी. सीतारमण ने कहा कि पूरक मांग का बड़ा हिस्सा एयर इंडिया से संबंधित मद में जा रहा है.

वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के विषयों को गंभीरता से देखती है, ऐसे में पूरक मांग में उर्वरक सब्सिडी के मद में 58 हजार करोड़ रूपये रखे गए हैं. उन्होंने कहा कि उर्वरकों का अंतरराट्रीय कीमतों काफी अधिक हैं और सरकरा नहीं चाहती कि किसानों को परेशानी हो. मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने वर्ष 2021-22 की पूरक अनुदान मांगों के दूसरे बैच एवं संबंधित विनियोग विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.

चर्चा के दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राकांपा सहित विपक्षी दलों ने अर्थव्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे पर लोकसभा में सरकार को घेरते हुए कहा था कि अर्थव्यवस्था अवरोधों से जूझ रही है, हर जगह संकट की स्थिति है और सरकार अवास्तविक लक्ष्यों के लिए आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है.

विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार एअर इंडिया सहित कई सरकारी कंपनियों को बेच रही है जो जन सरोकारों के विपरीत है. दस्तावेज के अनुसार, इसमें 62 हजार करोड़ रूपये उस कंपनी में डालने के संबंध में है जो एअर इंडिया के निजीकरण के बाद उसकी शेष आस्तियां एवं देनदारियां रखेगी.

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