पनामा पेपर्स लीक मामले में बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन ईडी के सामने सोमवार को पेश हुईं. ईडी ने उनके खिलाफ पेशी का समन जारी किया था, जिसके बाद ऐश्वर्या ईडी मुख्यालय पहुंचीं. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक ईडी ने इस मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2022 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया है. इससे पहले भी दो मौकों पर ऐश्वर्या राय ईडी के सामने पेश होने पर असमर्थता जता चुकी हैं.
पनामा पेपर्स में फ्रॉड और टैक्स चोरी करने वाले दुनिया के कई नामी लोगों के बारे में जानकारी है. इस लीक दस्तावेज को पहले सबसे जर्मनी के एक अखबार Suddeutsche Zeitung ने हासिल किया था. करीब 12000 ऐसे दस्तावेज हैं, जो भारतीयों से जुड़े हैं. इससे पहले साल 2016 में भी Mossack Fonseca के दस्तावेज लीक हुए थे, जिसमें 500 से ज्यादा भारतीयों के नाम थे.
क्या है पूरा मामला
दरअसल जिस मामले को लेकर ऐश्वर्या राय को नोटिस भेजा गया है, उसका अमिताभ बच्चन से भी कनेक्शन है. अमिताभ बच्चन ने चार शेल कंपनी बनाई थीं. यह चारों शिपिंग कंपनी थी. इसमें अभिषेक बच्चन को डायरेक्टर बनाया गया था. इस मामले में उनका बयान डेढ़ महीने पहले ही दर्ज किया जा चुका है. साल 2005 में ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड पर एक कंपनी में ऐश्वर्या राय बच्चन को डायरेक्टर बनाया गया था. ऐश्वर्या के माता, पिता और भाई को भी डायरेक्टर बनाया गया था. ऐश्वर्या बाद के सालों में शेयर होल्डर बन गई थीं. साल 2008 में कंपनी बंद कर दी गई. आरोप है कि टैक्स बचाने के लिए यह शेल कंपनी बनाई गई.
अब सवाल यह कि एक्टिंग का पेशा रखने वाले बच्चन परिवार ने शिपिंग कंपनी क्यों बनाई? यह बच्चन परिवार ही बता सकता है. ED इसे मनी लॉन्ड्रिंग का अनूठा उदाहरण मान रही है. पनामा पेपर लीक से खुलासा हुआ था और 930 सेल कंपनियों की जानकारी आई थी. ये 20 हजार करोड़ के टैक्स चोरी का मामला हो सकता है. ED ने PMLA के तहत मामला दर्ज किया है. विशेष SIT टीम में ED अधिकारी के अलावा अन्य एजेंसियों से जुड़े अधिकारी भी जांच का हिस्सा हैं.
पनामा पेपर्स लीक का यह वैश्विक मामला सामने आने पर निदेशालय 2016 से इस संबंध में जांच कर रहा है. उसने बच्चन परिवार को नोटिस जारी कर उसे आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) की उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत 2004 से अपने विदेशी प्रेषण की जानकारी देने को कहा था. अधिकारियों ने बताया कि बच्चन परिवार से जुड़ी कथित अनियमितताओं के कई अन्य मामले संघीय जांच एजेंसी की जांच के दायरे में हैं.
‘इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स’ (आइसीआइजे) ने पनामा की विधि कंपनी मोसैक फोन्सेका से प्राप्त दस्तावेजों की जांच के बाद विश्व के कई ऐसे नेताओं और जानी मानी हस्तियों के नाम उजागर किए थे, जिन्होंने विदेशों में धन जमा कराया है. ऐसा बताया जाता है कि इनमें से कुछ के विदेशों में वैध खाते हैं.