सुप्रीम कोर्ट द्वारा 4 हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए इस साल मार्च से सितंबर के बीच फिर से भेजे गये 12 नामों पर सरकार ने अभी तक फैसला नहीं किया है. सरकार ने विभिन्न अवसरों पर इन लोगों को उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिशों पर पुनर्विचार के अनुरोध के साथ उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम को ये नाम वापस कर दिये थे.इनमें से पांच नाम कलकत्ता हाईकोर्ट और तीन नाम जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के लिए हैं. कर्नाटक और इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए दो-दो नामों की सिफारिश की गयी है.
सूत्रों ने बताया कि इस साल मार्च और सितंबर के बीच, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इन 12 उम्मीदवारों को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के लिए सरकार को अपनी सिफारिशें दोहराई थीं. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा की गई नई सिफारिशों की सूची से की जा रही है, लेकिन सरकार को भारत के प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय कॉलेजियम द्वारा दोबारा भेजे गये नामों पर फैसला लेना बाकी है.
स्थापित प्रक्रिया के अनुसार, उच्च न्यायालय कॉलेजियम उन उम्मीदवारों के नाम कानून मंत्रालय को भेजता है, जिन्हें वह उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के लिए उपयुक्त समझता है. मंत्रालय, उम्मीदवारों के नामों को उनके अन्य विवरणों के बारे में आईबी रिपोर्ट के साथ उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम को भेजता है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम तब इन नामों पर विचार करता है और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए उन नामों में से सिफारिश करता है.
दो से चार साल पहले संबंधित उच्च न्यायालयों के कॉलेजियमों द्वारा 12 नामों की सिफारिश की गई थी. उच्चतर न्यायपालिका में नई नियुक्तियों की पहल के तहत शनिवार को सात अधिवक्ताओं को गुजरात उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है, जबकि 14 अक्टूबर को तीन उच्च न्यायालयों में सात न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई, जिनमें से चार अधिवक्ता हैं. तीन अन्य उच्च न्यायालयों में रिकॉर्ड 17 नियुक्तियों के एक दिन बाद बुधवार को तीन उच्च न्यायालयों में कुल 14 नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई.