भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत का ख्याल रखना सबसे जरूरी काम है. अगर आप इसमें जरा भी लापरवाही करेंगे तो इसका असर काफी गंभीर हो सकता है. इसलिए नियमित व्यायाम, पौष्टिक आहार और बेहतर नींद लेना जरूरी है. इससे दिल, दिमाग और आपका शरीर, तीनों ही फिट रहते हैं. क्योंकि इन तीनों का कनेक्शन ही आपकी सेहत को पूरी तरह फिट रखता है. आपकी पौष्टिक डाइट लेने का असर बॉडी पर ही नहीं, आपके हार्ट पर भी पड़ता है. हार्ट से जुड़ी बीमारियों के रिस्क को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है.
दैनिक जागरण अखबार में छपी न्यूज रिपोर्ट में अनुसार, एक रिसर्च में बताया गया है कि पिछले एक दशक में मिडिल एज के जितने लोग हार्ट से जुड़ी बीमारियों के शिकार हुए, उनमें से 10 प्रतिशत लोगों को आयरन की कमी (Iron Deficiency) दूर करके बीमार होने से बचाया जा सकता था. इस स्टडी का निष्कर्ष यूरोपीयन सोसायटी आफ कार्डियोलाजी (European Society of Cardiology) के जर्नल ‘ईएससी हार्ट फेल्यर’ में प्रकाशित हुआ है.
हालांकि इस रिसर्च के राइटर और जर्मनी की यूनिवर्सिटी हार्ट एंड वस्कुलेचर सेंटर हैम्बर्ग (University Heart and Vasculature Center Hamburg, Germany) के डॉक्टर बेनेडिक्ट श्रेज ( Benedikt Schrage) ने बताया कि ये एक अवलोकन अध्ययन यानी ऑब्जर्वेशनल स्टडी (observational study) है. लेकिन इसके ये सबूत मिल रहे हैं, कि यह निष्कर्ष आगे की रिसर्च का आधार बन सकते हैं और इससे आयरन की कमी और हार्ट डिजीज के रिस्क के बीच संबंध होने को साबित किया जा सकता है.
सहभागियों को दो भागों में बांटा गया
डॉक्टर बेनेडिक्ट श्रेज ने बताया कि पूर्व की स्टडीज से यह जाहिर हुआ है कि कार्डियोवस्कुलर रोगों से ग्रस्त लोगों की स्थिति बिगड़ने का संबंध आयरन की कमी से रहा है, जिसके परिणामस्वरूप उन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत ज्यादा आई और कई मामलों में मौतें भी हुईं. जबकि इंट्रावेनस आयरन ट्रीटमेंट (Intravenous Iron Treatment) से रोगियों की स्थिति में सुधार होने के साथ उनके कामकाज करने की क्षमता बढ़ी