भारत में अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौट रही है. अर्थव्यवस्था के लिहाज से सितंबर का महीना अच्छा साबित रहा है. देश की आर्थिक विकास की रफ्तार कोरोला काल से पहले के स्तर 90 फीसदी पर पहुंच गई है.
कोरोना महामारी की दूसरी लहर लगातार कमोजर हो रही है. हालांकि तीसरी लहर का खतरा टला नहीं है, लेकिन जिस गति से देश में टीकाकरण हो रहा है और कोरोना के मामलों को कमी आ रही है उसे देखते हुए भविष्य में कोई खास खतरा नजर नहीं आ रहा है.
इन सब सकारात्मक रुझानों के चलते अर्थव्यस्था लगातार उछाल मार रही है. मार्केट की बात करें तो स्टॉक मार्केट लगातार रिकॉर्ड कायम कर रहा है. कारोबार के पहले दिन आज सोमवार को बीएसई सेंसेक्स 60,000 के स्तर के ऊपर कारोबार करता देखा गया. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी भी 18,000 के आसपास पकड़ बनाए हुए दिखाई दिया.
वित्त मंत्रालय ने सितंबर की समीक्षा रिपोर्ट में कहा है कि कृषि में निरंतर और मजबूत विकास, विनिर्माण और उद्योग में तेज वापसी और शानदार राजस्व से पता चलता है कि देश की अर्थव्यवस्था तेजी से तरक्की कर रही है. देश के निर्यात ने सितंबर महीने में 3 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है.
रिपोर्ट में कहा गया है, “घरेलू इक्विटी बाजारों में ऐतिहासिक तेजी देखने को मिली है क्योंकि रिकॉर्ड संख्या में नए डीमैट खातों के जोड़ने से देश में इक्विटी निवेश का आधार व्यापक हुआ है.
हालांकि अपनी रिपोर्ट में मंत्रालय ने तेल की बढ़ती कीमतों पर चिंता जाहिर की है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिसका सीधा असर भारतीय बाजार पर भी दिखाई दे रहा है. खाद्य तेल और धातु की कीमतों में भी तेजी का दौर जारी है. और इन सबका असर आम भारतीय पर जरूर दिखाई देगा