आज के भागदौड़ भरे लाइफस्टाइल में हम प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं, ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि हमने अपने को घर और दफ्तर की दीवारों के बीच कैद कर लिया है. इसका असर हमारे ब्रेन पर भी पड़ रहा है, इसलिए हमें ब्रेन से जुड़ी तकलीफों ने घेर लिया है., जैसे चिंता, मूड स्विंग और डिप्रेशन. लेकिन क्या आप जानते हैं कि केवल प्रकृति से जुड़ने भर से हम ना सिर्फ ऐसी समस्याओं से बच सकते हैं, बल्कि पॉजिटिव फीलिंग्स के साथ एक खुशहाल जीवन भी जी सकते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि भला ऐसा कैसे संभव है? तो हम आपको बता दें कि इसके लिए आपको कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है. बल्कि आपको करना ये है कि घर से बाहर प्रकृति जुड़ी कुछ एक्टिविटी को समय देना है.
दैनिक जागरण अखबार में छपी खबर के मुताबिक, इंग्लैंड की यॉर्क यूनिवर्सिटी के शोध में ये बात सामने आई है कि प्रकृति से जुड़ी गतिविधियां आपके मस्तिष्क (ब्रेन) के लिए अच्छी हैं. इस स्टडी को एसएसएम-पापुलेशन हेल्थ नाम के जर्नल में प्रकाशित भी किया गया है. इस स्टडी में बताया गया है कि प्रकृति से जुड़ी गतिविधियां जैसे बागवानी, एक्सरसाइज, सुबह-शाम हरियाली में ठहलना मूड को ठीक करने, चिंता कम करने और फीलिंग्स को पॉजिटिव बनाने में मदद करते हैं.
कैसे की गई स्टडी
रिसर्च करने वालों ने नेचर-बेस्ड इंटरवेंशंस (NBI) के 14 हजार 321 रिकॉर्ड और 50 स्टडीज का अध्ययन किया. एनबीआई लोगों की मेंटल हेल्थ को बेहतर करने और उन्हें नेचर से जुड़ी एक्टिविटी करने के लिए प्रेरित करती है.
स्टडी में क्या निकला
रिसर्च करने वालों ने इस स्टडी के दौरान ये पाया कि 8 से 12 हफ्ते तक नेचर से जुड़ी एक्टिविटी रोजाना 20 से 90 मिनट तक करने से सबसे अच्छे रिजल्ट आते हैं. इससे चिंता कम होने के साथ-साथ व्यक्ति के मूड में पॉजिटिव चेंज देखने को मिलते है.
ग्रुप में ऐसी एक्टिविटी ज्यादा लाभ देती हैं
इस स्टडी के प्रमुख लेखक और यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क में हेल्थ सर्विस रिसर्च के सीनियर लेक्चरर डॉ पीटर कोवेंट्री (Peter Coventry) का कहना है, ‘हम ये जानते हैं कि प्रकृति के नजदीक रहना हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है. अब हमारी ये नई स्टडी इसके मजबूत साक्ष्य प्रस्तुत करती है. ये हमे बताती है कि प्रकृति से जुड़ी गतिविधियां किस तरह हमारी मेंटल हेल्थ को बड़ा लाभ पहुंचाती है. यूं तो ये एक्टिविटी स्वयं व्यक्ति द्वारा की जाती है, लेकिन हमने जिन स्टडी की समीक्षा की, उनसे पता चलता है कि अगर ग्रुप्स में ऐसी एक्टिविटी की जाए तो उसके पॉजिटिव रिजल्ट्स ज्यादा होते हैं.’
महामारी के तनाव से निकलने में कारगर
रिसर्चर्स के अनुसार, “हमारी स्टडी के परिणाम इस बात की ओर स्पष्ट संकेत करते हैं कि समूह में प्रकृति से जुड़ी गतिविधियों से व्यक्ति अधिक रुचि दिखाता है. इससे वह इन गतिविधियों को अधिक समय देता है, जिससे उसकी मेंटल हेल्थ को अधिक फायदा होता है. रिसर्चर्स ने ये भी दावा किया कि महामारी के कारण लोग लंबे समय से दूसरों से दूर अपने घरों में कैद रहे, जिसका असर उनकी मेंटल हेल्थ पर पड़ा. ऐसे में ग्रुप में नेचर के बीच एक्सरसाइज करने से उन्हें ज्यादा लाभ मिल सकता है. “.