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एक्सपर्ट्स का अनुमान, मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों को लगातार 8वीं बार जस का तस रख सकता है RBI

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वैश्विक स्तर पर जिंस कीमतों में बढ़ोतरी के बीच मुद्रास्फीति (Inflation) को नियंत्रण में रखने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) आगामी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा (Monetary Policy Review) में लगातार आठवीं बार ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति को कायम रख सकता है. एक्सपर्ट्स ने यह राय जताई है.
लगातार 7 MPC ने ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं
द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक इसी सप्ताह होनी है. रिजर्व बैंक ने आखिरी बार मई, 2020 में रेपो रेट को 0.40 फीसदी घटाकर चार फीसदी किया था. उस समय देश की इकोनॉमी कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित थी. उसके बाद से आरबीआई ने ब्याज दरों को यथावत रखा है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी (Monetary Policy Committee) की तीन दिन की बैठक 6 अक्टूबर से शुरू होनी है. बैठक के नतीजों की घोषणा 8 अक्टूबर को की जाएगी.

अपने नरम रुख को जारी रखेगा आरबीआई
मॉर्गन स्टेनली की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार, रिजर्व बैंक आगामी मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों को यथावत रखेगा और साथ ही अपने नरम रुख को भी जारी रखेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पांच फीसदी के आसपास रहेगी.
भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने हाल में कहा था कि ऐसा लगता है कि ब्याज दरें यथावत रहेंगी. उन्होंने कहा था, ”वृद्धि में कुछ सुधार है. ऐसे में मुझे लगता है कि ब्याज दरें नहीं बढ़ेंगी. हालांकि, केंद्रीय बैंक की टिप्पणी में मुद्राफीति का उल्लेख होगा.”

2020 की चौथी तिमाही से मांग में सुधार
कोलियर्स के सीईओ, भारत तथा निदेशक बाजार विकास (एशिया) रमेश नायर ने कहा कि आगामी मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में बदलाव नहीं होगा. नायर ने कहा, ”इससे आवास बाजार को रफ्तार मिलेगी. घरों की कीमतों में स्थिरता, कुछ राज्यों में स्टाम्प शुल्क में भारी कटौती और अपना घर खरीदने की इच्छा की वजह से 2020 की चौथी तिमाही से मांग में सुधार हुआ है.”

डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि रिजर्व बैंक पर अपने रुख में बदलाव का दबाव है. इसकी वजह यह है कि कुछ औद्योगिक देशों में मौद्रिक नीति रुख की वजह से मुद्रास्फीति बढ़ रही है और जिंसों के दामों में इजाफा हो रहा है. हालांकि, उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक संभवत: नीतिगत दरों को यथावत रखने का निर्णय ले सकता है.

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