नई-दिल्ली, 25-09-2021, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने यूनिसेफ के साथ साझेदारी में आगामी त्योहारों के अवसर पर कोविड उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर ऑल इंडिया रेडियो, निजी एफएम और सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के प्रतिनिधियों के लिए एक इंटरैक्टिव सत्र की मेजबानी की। सत्र में पूरे भारत से रेडियो कार्यक्रमों की प्रोग्रामिंग और प्रस्तुति में शामिल लगभग 150 रेडियो प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इन रेडियो स्टेशनों की पहुंच काफी बड़े क्षेत्र में है जिसमे विविध श्रोता समूह- शहरी क्षेत्रों में रहने वालों से लेकर देश के ग्रामीण या दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले श्रोता शामिल है। सत्र को लव अग्रवाल, संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने संबोधित किया, अपने मुख्य भाषण में, श्री अग्रवाल ने जनहित संदेश देने में मीडिया के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट और टीकाकरण रणनीति को तेज करके रिकॉर्ड समय में कोविड-19 मामलों को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया है। उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम में लोगों की भागीदारी की भी सराहना की। हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि भले ही पूरे भारत में कोविड-19 के मामले कम हो रहे हैं, लेकिन वायरस अभी भी मौजूद है और इस स्तर पर किसी भी तरह की ढिलाई से एक और उछाल आ सकता है। “देश जल्द ही 100 करोड़ टीकाकरण के ऐतिहासिक स्तर तक पहुंच जायेगा। जब वायरस पर जीत नजर आ रही है, हम इस कड़ी मेहनत से प्राप्त जीत को कोविड पर ढिलाई के कारण अपने हाथों से फिसलने नहीं दे सकते। इसलिए, मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे आगामी त्योहारों के अवसर पर अपनी सुरक्षा को लेकर ढीले न पड़ें, श्री अग्रवाल ने कहा। उन्होंने साथ ही कहा कि त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के बारे में हैं। हमें कोविड उपयुक्त व्यवहार को बनाये रखते हुए कोविड महामारी की बुराई से लड़ने की भी आवश्यकता है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से देश की वायरस के खिलाफ सामूहिक लड़ाई में टीकों की दोनों खुराक लेने के महत्व और त्योहारों के दौरान कोविड नियमों का पालन करने की आवश्यकता जैसे जनहित संदेशों को बढ़ाने के लिए कहा। अपने संबोधन में उन्होंने प्रतिभागियों को ऐसे अभिनव कार्यक्रम तैयार करने के लिये प्रोत्साहित किया जिसमें विशेषज्ञों के साथ-साथ जन समुदाय को भी शामिल किया जाये। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और यूनिसेफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सत्र में भाग लिया।