तालिबान को पैसे के लिए कुख्यात ड्रग तस्कर हाज़ी बशीर नूरज़ाई का साथ चाहिए और इसी वजह से अफगानिस्तान में उसकी सरकार बनने के साथ ही ड्रग लार्ड हाजी बशीर नूरज़ाई की रिहाई के लिए विद्रोही संगठन ने अपनी कोशिशें तेज़ कर दी हैं और वह बशीर की रिहाई के लिए अमेरिका से बात कर रहा है.
सूत्रों के मुताबिक तालिबान अमेरिकी कांट्रेक्टर मार्क फ्रेरिच, जिसको जनवरी, 2020 में अफ़ग़ानिस्तान पाकिस्तान बॉर्डर से अगवा किया गया था, के उसके कब्जे में होने का दावा करता रहा है. हक़्क़ानी नेटवर्क पर फ़्रेरिच को अगवा करने का आरोप लगा था.
अफगानिस्तान के काउंटर टेरर एक्सपर्ट अज़मल सोहेल ने न्यूज़ 18 से बातचीत में बताया, “तालिबान मार्क के एवज में हाज़ी बशीर की रिहाई का सौदा कर रहा है.” बशीर के अल कायदा से जुड़े ,अफ्रीका में सक्रिय आतंकी संगठन अल शबाब से नज़दीकी रिश्ते रहे हैं, जिसका इस्तेमाल तालिबान आतंकी संगठनों को हथियार बेचकर पैसे कमाने के लिए कर सकता है.
अफगानी नागरिक बशीर फिलहाल 50 मिलियन डॉलर की हेरोइन अफगानिस्तान से अमेरिका में तस्करी करने के आरोप में दोषी करार दिया जा चुका है और अमेरिका में ही उम्र कैद की सजा काट रहा है. उसे 2005 में अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर से गिरफ्तार किया गया था, जहां उसके हैंडलर्स ने गिरफ्तार न होने का भरोसा देकर उसे बातचीत के लिए बुलाया था. 2009 से बशीर ड्रग तस्करी के मामले में अमेरिका में ही उम्र कैद की सज़ा काट रहा है.
हाज़ी बशीर को मिडिल ईस्ट का पाब्लो एस्कोबार कहा जाता है. सूत्रों के मुताबिक कभी हाज़ी बशीर ने अमेरिका की तालिबान से बात करवाई थी और अमेरिका के अंडरकवर एजेंट के तौर पर भी काम किया था. वो पश्तून है और कंधार के आसपास नूरज़ाई ट्राइब में उसका अच्छा खासा प्रभाव है. मुल्ला उमर से उसके करीबी रिश्ते थे. वो तालिबान के लिए ड्रग मनी के अलावा हथियार और रिक्रूटमेंट का काम भी करता था.तालिबान के लिए बशीर ड्रग्स की तस्करी के जरिये आने वाले पैसे का सोर्स था. तालिबान को फिलहाल पैसे की जरूरत है और उसे लगता है कि बशीर मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में ड्रग्स सप्लाई की लाइन खोल सकता है, जिससे तालिबान की फंड की जरूरत पूरी हो सकती है.