गुजरात (Gujarat) में अंग्रेजी शराब भले ही नहीं बनती हो लेकिन शराब माफिया पीने वालों के लिए दूसरे राज्यों से तस्करी कर खूब लाते हैं. एक ऐसे ही मामले का भंडाफोड़ सूरत क्राइम ब्रांच ने किया है. शराब तस्करों की तरकीब देख कर खुद पुलिस भी चकरा गई. दो लक्जीरियस कारों में गुप्त तहखाने खोजने के लिए मैकेनिक तक की मदद लेनी पड़ी. सूरत क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़े गए तीन शराब तस्करों की तरकीब देख कर खुद सूरत क्राइम ब्रांच के अधिकारी सन्न रह गए. सूरत क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़े गए तीन शराब तस्करों की पहचान विकास उपाध्याय, हाबिद सैयद और फाल्गुन प्रजापति के तौर पर हुई है.
सूरत क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली थी कि ये तीनों लोग गोवा से इनोवा और एक्सयूवी कार में बड़ी तादात में शराब की बोतले भरकर सूरत में लाने वाले हैं. इसी जानकारी के आधार पर सूरत क्राइम ब्रांच की अलग अलग टीम ने सचिन इलाके में इन्हें पकड़ने के लिए जाल बिछा दिया था. जैसे ही ये तीनों अपनी दोनों कार को लेकर सचिन से निकले वैसे ही पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया.
पुलिस ने ली कार के हर हिस्से में तलाशी
क्राइम ब्रांच की टीम ने दोनों कार के हर हिस्से में तलाशी ली लेकिन उन्हें शराब की बोतलें कही से भी बरामद नही हुई. कार में शराब भर कर लाने वाले तीनों आरोपी भी अपना मुंह खोलने को तैयार नहीं थे कि उन्होंने बोतलें कहां छिपा रखी है. अंत में थक हार कर सूरत क्राइम ब्रांच की टीम ने कार के मैकेनिक को बुलाया. उन्होंने खोज कर कार के भीतर सीट के नीचे, कार के आगे लाइट के पास बनाए गए गुप्त तहखाने खोज निकाले जिनके भीतर से तीन हजार से अधिक शराब की बोलते बरामद की गई.
दोनों लक्जीरियस कारों से बरामद शराब की कीमत लगभग 5 लाख रुपए है. एक्सयूवी और इनोवा कार सहित कुल 26 लाख रुपए का माल जब्त किया गया है. सूरत क्राइम ब्रांच के एसीपी आर आर सरवैया ने बताया कि शराब तस्करों की शराब की इस तरकीब के बारे में बिल्कुल भनक नहीं थी.