तालिबान (Taliban) ने अमेरिका के 33 Mi-17, 33.. UH-60 ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर्स और 43 MD-530 हेलीकॉप्टर्स पर कब्जा कर लिया. इसके अलावा 64 हजार से ज्यादा मशीनगन, 3 लाख 58 हजार से ज्यादा असॉल्ट राइफल, 1 लाख 26 हजार से ज्यादा पिस्टल, 176 तोप, 1 लाख 62 हजार से ज्यादा वॉकी टॉकी और 16 हजार से ज्यादा नाइट विजन यंत्रों पर तालिबानियों ने कब्जा किया है. हालांकि, इनमें से ज्यादातर हथियारों को अमेरिकी सेना (US Forces) काबुल छोड़ने से पहले डिस्मेंटल करके गई है.
अगर एयरक्राफ्ट्स की बात करें तो चार C-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, 23 छोटे एयरक्राफ्ट्स और 38 बड़े एयरक्राफ्ट्स पर भी कब्जा किया है.अमेरिका की ढेर सारी बख्तरबंद गाड़ियां भी अब तालिबान के कब्जे में हैं. जैसे 22 हजार से हमवी, 634 M- 1117, 169 – M113, और 155 MXX PRO गाड़ियां तालिबानियों के कब्जे में हैं. इसके अलावा 42 हजार बड़ी गाड़ियां और 8 हजार ट्रक भी तालिबान के कब्जे में आ चुके हैं.
अमेरिका ने काबुल छोड़ने से पहले अपने हथियारों को डिस्मेंटल कर दिया है. अमेरिकी सेना ने गोलियों को कंट्रोल्ड ब्लास्ट में खत्म कर दिया. बंदूकों के टुकड़े-टुकड़े किए गए. जिन कंटेनर्स को कम्युनिकेशन सिस्टम में बदला गया था, उन्हें तोड़ा गया.
अमेरिका ने छोटे हथियारों को पिघला दिया. जो हथियार काटे या गलाए नहीं जा सकते थे, अमेरिकी सैनिकों ने उन्हें पूरी तरह तोड़-फोड़ दिया. तारों को तीन-तीन सेंटीमीटर तक के टुकड़ों में काटा गया, ताकि तालिबानी उनसे बम ना बना सके.
हामिद करजई इंटरनेशन एयरपोर्ट अफगानी सेना के लड़ाकू विमानों और हेलिकॉप्टर्स का बेस भी था. अमेरिकी सैनिक जाते-जाते युद्द के हर साजों सामान को कबाड़ में बदल चुके थे.