सरकार ने कहा है कि एयरक्राफ्ट पर लिखे VT साइन (VT call sign) को हटाना उनके लिए मुश्किल चुनौती होगी. साथ ही सरकार का कहना है कि अगर ऐसा किया गया तो एयरक्राफ्ट पर दोबारा नया कोड लिखना होगा. इस दौरान जहाज के सारे डॉक्यूमेंट भी बदलने होंगे. सरकार का कहना है कि ऐसा करने के लिए देश पर आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा. ये बातें सदन में नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से कही गई.
बता दें कि लंबे समय से बीजेपी के नेता एयरलाइंस पर लिखे कॉल साइन VT को बदलने की मांग कर रहे हैं. VT का मतलब है विक्टोरियन या वाइसरॉय. यानी भारत पर ब्रिटिश का राज. बता दें कि ये कॉल साइन भारत को ब्रिटिश सरकार से साल 1927 में दिया गया था. बीजेपी नेता तरुण विजय ने लंबे समय से इस कॉल साइन को बदलने के लिए अभियान चला रखा है. उनका कहना है कि ये ‘ब्रिटिश राज’ की विरासत है और गुलामी का प्रतीक है. VT कॉल साइन भारत के सारे एयरक्राफ्ट पर लिखा होता है. VT कोड के बाद एरलाइंस की दूसरी जानकारियां लिखी होती हैं.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने गुरुवार को संसद में भाजपा सांसद हरीश द्विवेदी के एक सवाल के जवाब में संकेत दिया कि ये कहना आसान है, लेकिन करना आसान नहीं. नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री, जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा, ‘अगर हम वीटी कॉल साइन बदलते हैं तो सभी दस्तावेजों को फिर से जारी करना होगा, विमान को फिर से रंगना होगा और सभी चिह्नों को बदलने तक उड़ान नहीं भर सकते. पूरी प्रक्रिया के दौरान विमान जमीन पर खड़ा रहेगा. इसका एयरलाइनों पर भी बड़ा वित्तीय प्रभाव पड़ेगा.’
सरकार ने अपने जवाब में ये नहीं बताया कि वीटी का क्या मतलब है, हालांकि भाजपा सांसद ने अपने सवाल में यही पूछा था. सिंह ने कहा, ‘इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन ने भारत को कॉल साइन्स की तीन सीरीज़ यानी ATA-AWZ, VTA-VWZ और 8TA-8YZ आवंटित की थी. कॉल संकेत सीरीज़ के पहले एक या दो अक्षर हो सकते हैं. शिकागो कन्वेंशन के अनुबंध 7 के प्रावधानों के अनुसार, हमारे देश के पास भारतीय पंजीकृत विमानों के लिए उपरोक्त तीन सीरीज़ के लिए अपना कॉल साइन चुनने का विकल्प था. वाशिंगटन में 1927 के अंतरराष्ट्रीय रेडियोटेलीग्राफ सम्मेलन के दौरान भारत को कॉल साइन वीटी सौंपा गया था.’