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येडियुरप्पा के बाद कौन बनेगा कर्नाटक का सीएम? संसद भवन में अमित शाह और नड्डा ने किया मंथन

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बी एस येडियुरप्पा (BS Yediurappa) के कर्नाटक  (Karnataka) के मुख्यमंत्री पद से सोमवार को इस्तीफा देने के बाद उनके उत्तराधिकारी के चयन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी कवायद शुरू कर दी है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इसी सिलसिले में सोमवार को संसद भवन परिसर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने एक बैठक की और इस मुद्दे पर शुरू चर्चा की.

सूत्रों का कहना है कि आज शाम तक भाजपा अपने दो केंद्रीय पर्यवेक्षकों के नाम तय कर लेगी. दोनों केंद्रीय पर्यवेक्षक बेंगलुरु जाएंगे और वहां विधायक दल की बैठक में शिरकत करेंगे जहां नए नेता का नाम तय किया जाएगा. येडियुरप्पा कर्नाटक के प्रभावशाली लिंगायत समुदाय से आते हैं. ऐसी चर्चा है कि लिंगायत समुदाय के ही किसी प्रभावशाली नेता को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपने पर भाजपा में विचार चल रहा है.

सीएम पद की रेस में आगे ये नाम
सूत्रों के मुताबिक राज्य के अगले सीएम का ऐलान 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए किया जाएगा. इस पद के लिए मुरुएश आर निरानी का नाम आगे चल रहा है. वह येडियुरप्पा की निवर्तमान कैबिनेट में खनन और भूविज्ञान मंत्री रह चुके हैं. वहीं बासवराज बोम्मई को भी सीएम पद के लिए बड़ा दावेदार माना जा रहा है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि उन्हें येडियुरप्पा का भी वर्दहस्त प्राप्त है. वहीं बासनगौड़ा पाटिल यतनाल और अरविंद बेलाड़ का नाम चर्चा में है. यतनाल के लिए आरएसएस से करीबी को मजबूती माना जा रहा है तो वहीं येडियुरप्पा के खिलाफ मोर्चे की अगुवाई करने वाले बेलाड़ को भी कई विधायकों का समर्थन प्राप्त है.

बता दें कि येडियुरप्पा ने आज ही मुख्यमंत्री के रूप में अपने दो साल का कार्यकाल पूरा किया. इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा की. इसके बाद उन्होंने राज्यपाल थावरचंद गहलोत से राजभवन में मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया. उन्होंने बताया कि उनका त्याग पत्र स्वीकार कर लिया गया है.

75 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को बाहर रखने का अलिखित नियम!
इससे पहले इस्तीफे का ऐलान करते हुए येडियुरप्पा ने भावुक होते हुए एवं रुंधे गले से कहा था, ‘मेरी बात को अन्यथा मत लीजिएगा, आपकी अनुमति से… मैंने फैसला किया है कि मैं मध्याह्न भोजन के बाद राजभवन जाऊंगा और मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौपूंगा.’ उन्होंने कहा था, ‘मैं दु:खी होकर नहीं, बल्कि खुशी से ऐसा कर रहा हूं.’ येडियुरप्पा ने 75 साल से अधिक आयु होने के बावजूद उन्हें दो साल मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शाह और नड्डा का धन्यवाद किया. भाजपा में 75 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को निर्वाचित कार्यालयों से बाहर रखने का अलिखित नियम है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह केंद्रीय नेताओं की उम्मीदों के मुताबिक पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करेंगे. येडियुरप्पा ने यहां विधान सौध में अपनी सरकार के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही. येडियुरप्पा ने भाषण के दौरान कहा कि उन्होंने दो साल कठिन परिस्थितियों में राज्य सरकार का नेतृत्व किया. उन्होंने कहा कि उन्हें शुरुआती दिनों में मंत्रिमंडल के बिना प्रशासन चलाना पड़ा और इसके बाद राज्य को विनाशकारी बाढ़ और कोरोना वायरस समेत कई समस्याएं झेलनी पड़ीं. 

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