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सेंट्रल विस्टा पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, प्रोजेक्‍ट रोकने की मांग

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दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने हाल ही में केंद्र सरकार की सेंट्रल विस्टा परियोजना (Central Vista Project) के निर्माण कार्य को जारी रखने की अनुमति देते हुए कहा था कि यह एक अहम व आवश्यक राष्ट्रीय परियोजना है. अब दिल्‍ली हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की गई है. इसमें कोरोना महामारी का हवाला देते हुए परियोजना पर कुछ समय के लिए रोक लगाने की मांग की गई है.

सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रदीप यादव ने यह अर्जी दाखिल करते हुए सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले की समीक्षा की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया कि देश

कोरोना संक्रमण से अभी उबर नहीं पाया है. छोटी और बड़ी दुकानें बंद हैं. लिहाजा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को कुछ समय के लिए रोक देना चाहिए.

बता दें कि 31 मई को दिल्‍ली हाईकोर्ट ने प्रोजेक्‍ट पर रोक लगाने वाली एक याचिका की सुनवाई करते हुए इसको जारी रखने की अनुमति दी थी. साथ ही अदालत ने किसी मकसद से प्रेरित याचिका के लिए याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपए जुर्माना लगाया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट इस परियोजना को पहले ही वैध ठहरा चुका है.

हाईकोर्ट का कहना था कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी इसे जारी रखने की अनुमति दी है, कर्मी पहले से ही स्थल पर मौजूद हैं और इसलिए हमें काम रोकने का कोई कारण नजर नहीं आता.

यााचिका में दलील दी गई थी कि यह परियोजना आवश्यक गतिविधि नहीं है और इसलिए महामारी के दौरान अभी इसे टाला जा सकता है. परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और एक नए आवासीय परिसर के निर्माण की परिकल्पना की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री और उप-राष्ट्रपति के आवास के साथ-साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालयों के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण होना है.

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