एलएसी पर चीन से चल रहे टकराव के बीच गुरुवार से राजधानी दिल्ली में भारतीय वायुसेना का तीन दिवसीय (15-17 अप्रैल) कमांडर्स कॉन्फ्रेंस शुरू हो रही है. सम्मेलन में वायुसेना प्रमुख की अगुवाई में एयरफोर्स के सभी कमांडर्स इस मुद्दे पर खास चर्चा करेंगे कि किस तरह दुश्मन पर अपनी बढ़त बनाई जा सके. खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे.
वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर आशीष मोघे के मुताबिक इस सम्मेलन के दौरान वायुसेना के शीर्ष कमांडर्स इस बात पर खास चर्च करेंगे कि किस तरह से देश के एयरस्पेस ऑपरेशन्स की ताकत में इजाफा किया जा सकता है. सम्मेलन में वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया सहित एयरफोर्स के सभी कमान के कमांडिंग इन चीफ, वायुसेना मुख्यालय में तैनात सभी प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर्स और डीजी स्तर के कमांडर्स हिस्सा लेंगे.
प्रवक्त के मुताबिक राजधानी दिल्ली में वायु भवन (वायुसेना मुख्यालय) के सुब्रतो हॉल में वर्ष 2021 का पहला छमाही सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. अगले तीन दिनों तक श्रृंखलाबद्ध तरीके से वायुसेना की सामरिक रणनीति के साथ उन पॉलिसी पर चर्चाएं की जाएगी, जिससे वायुसेना के अपने प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त हासिल की जा सके. बता दें कि भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर की 11वें दौर की मीटिंग के बाद एलएसी पर एक बार फिर से तनावपूर्ण स्थिति बन सकती है क्योंकि 11वें दौर की मीटिंग के बाद चीन अब गोगरा, हॉट-स्प्रिंग जैसे इलाकों में डिसइंगेजमेंट के लिए आनाकानी कर रहा है.
सूत्रों के मुताबिक चीन चाहता है कि भारत पहले इन इलाकों में डि-एसक्लेशन की प्रक्रिया शुरू करे, यानी अपने सैनिकों की संख्या इन विवादित इलाकों से कम करे. पिछले साल कोरोना महामारी के दौरान जब एलएसी पर चीन ने घुसपैठ करने की कोशिश की थी, तब वायुसेना की ही मदद से थलसेना ने बेहत तेजी से सैनिकों का डिप्लोयमेंट कर चीन को चौंका दिया था.
इसके अलावा चीन लगातार भारत की सीमा से सटे अपने सभी एयरबेस का इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाकर अपने एयर-असैट्स (फाइटर जेट्स, हेलीकॉप्टर्स, ड्रोन्स इत्यादि) की तैनाती मजबूत करने में जुटी है. हाल ही में वायुसेना ने पहली बार मीका-मिसाइल से लैस राफेल लड़ाकू विमान की लद्दाख के एयरस्पेस में उड़ान भरने की तस्वीर जारी की थी. जिससे पता चलता है कि वायुसेना भी पूरी तरह अलर्ट है. वहीं तीन दिवसीय कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के दौरान ऑपरेशन्स के साथ मेंटेनेंस और प्रशासनिक मुद्दों के साथ-साथ मानव-संसाधन से जुड़े मामलों पर चर्चा करेंगे.