देश में बढ़ते कोरोना मामलों और बरती जा रही सख्ती को लेकर व्यपारियों ने प्रधानमंत्री मोदी को सुझाव भेजे हैं. व्यापारियों की ओर से कहा गया है कि देश के किसी भी हिस्से में लॉक डाउन और रात्रि कर्फ्यू लगाने के बजाय सरकार अन्य विकल्पों पर काम करेगी तो सभी के लिए बेहतर हो सकता है. साथ ही कोरोना के मामलों पर नियंत्रण भी किया जा सकता है.
पीएम मोदी को आज भेजे गए पत्र में देशभर के व्यपारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा है कि रात्रि कर्फ्यू या लॉकडाउन से अभी तक देश में कोविड के बढ़ते मामलों पर अंकुश नहीं लग पाया है ऐसे में यह ज्यादा सही
होगा के पूरे देश में विकल्प के तौर कुछ अन्य काम किए जाएं. इसके लिए जिला स्तर पर बेहद मज़बूती के साथ कोविड नियमों का पालन कराया जाए और विभिन्न निजी और सरकारी क्षेत्रों के समय में बदलाव कर दिया जाए.
पत्र में कहा गया कि कई राज्यों में लगाए गए रात्रि कर्फ्यू और लॉकडाउन का बारीकी से अध्ययन करने के बाद सामने आया है कि 5 अप्रैल को भारत में 96,563 कोविड मामले दर्ज किए गए, जिनमें सबसे ज्यादा मामले- महाराष्ट्र (47,228), दिल्ली (3548) गुजरात (3160) पंजाब (2692) कर्नाटक (5279) और छत्तीसगढ़ (7302) में मिले. तब महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में विभिन्न प्रतिबंध लगाए गए हैं जैसे कि महाराष्ट्र में 5 अप्रैल से शुरू होने वाले रात के कर्फ्यू और लॉकडाउन के बाद, 6 अप्रैल को दिल्ली, गुजरात और पंजाब के बाद, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में भी रात्रि कर्फ्यू लगाया गया.
इसके बावजूद 9 अप्रैल को, भारत में 1,45,384 कोविड के मामले सामने आए, जो 5 अप्रैल, जिस दिन प्रतिबंध लगाए गए थे, से लेकर 9 अप्रैल तक करीब 50% की वृद्धि है, महाराष्ट्र में 9 अप्रैल को 58993 मामले दर्ज किए गए, जो राज्य सरकार द्वारा बंद किए गए दिन की तुलना में 25% अधिक हैं. इसी प्रकार, गुजरात (4541) और दिल्ली (8521) में 43% और 140% की दर से बढ़े हैं. वहीं पंजाब 3459 (28%) छत्तीसगढ़ 11447 (56%) कर्नाटक 7955 (50%) जैसे राज्यों में भी प्रतिबंधों के बावजूद कोविड मामलों में बढ़त देखी गई.
ऐसे में कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल की ओर से कहा गया कि लॉकडाउन और कर्फ्यू के बजाय और विकल्प अपनाए जाएं तो राहत मिल सकती है. साथ ही 2020 के पिछले लॉकडाउन के नुकसान से उबरने की कोशिश कर रहे लोगों और व्यापारियों को भी मदद मिल सकती है.
ये हो सकते हैं विकल्प
विभिन्न कार्यक्षेत्रों में काम के घंटों को बदला जाना चाहिए. इसके लिए सरकारी कार्यालय, निजी कार्यालय और अन्य सभी प्रकार के कार्यालय सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक काम कर सकते हैं जबकि बाजार और दुकानों को काम करने की अनुमति सुबह 11 से शाम 5 बजे तक दी जा सकती है. बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक काम करने की अनुमति दी जा सकती है. इसी तरह, अन्य व्यवसायों और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के लिए कार्य का समय तय किया जा सकता है. इस प्रकार के अलग-अलग समय से आपसी सम्पर्क और यातायात को काफी हद तक कम किया जा सकता है जिससे कोविड के मामलों को नियंत्रण में लाया जा सकता है.
व्यापारी भी कर सकते हैं मदद
कैट ने कहा कि व्यापारी भी सरकार की मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक शहर में स्थानीय प्रशासन को सलाह दी जानी चाहिए कि बाजारों और सड़कों पर कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने के लिए स्थानीय व्यापार संघों के साथ एक संयुक्त रणनीति तैयार करें, जैसे मास्क पहनना, हाथों को बार-बार साफ करना और सामाजिक दूरी बनाए रखना. मार्केट के प्रत्येक प्रवेश और निकास बिंदु पर आने वाले लोगों की जांच के लिए व्यपारी संघों को अपने बाजारों में अतिरिक्त गार्ड रखने की सलाह दी जा सकती है. बिना मास्क के किसी भी व्यक्ति को किसी भी बाजार में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. यहां तक कि अगर कोई राहगीर या आगंतुक मास्क पहने दिखाई नहीं देता है, तो व्यापारी तुरंत उक्त व्यक्ति को मास्क पहनने के लिए कह सकते हैं.
बाजारों में लगाए जा सकते हैं टीकाकरण शिविर
इसके अलावा टीकाकरण अभियान को बढ़ाने के लिए बाजारों के मुख्य स्थानों पर “विशेष टीकाकरण शिविर लगाए जा सकते हैं. जहां सभी पात्र व्यापारियों, उनके कर्मचारियों, ग्राहकों और अन्य लोगों को सभी टीकाकरण प्रोटोकॉल का पालन करके टीका लगाया जा सकता है. बाजारों में कानून के बल पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया जाए जैसा कि दो पहिया वाहनों पर हेलमेट पहनने और चार पहिया ड्राइव में सीट बेल्ट बांधने के मामले में किया गया था.