पश्चिम बंगाल और असम विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए प्रचार गुरुवार की शाम 5 बजे थम गया. अब शनिवार यानी 27 मार्च को यहां पर वोटिंग होगी. चुनाव आयोग की घोषणाओं के मुताबिक, पहले चरण के दौरान असम की 47 और पश्चिम बंगाल की 30 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी. एक तरफ जहां असम में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से वापसी का दावा कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में टीएमसी का किला उखाड़ फेंकने के लिए पूरी ताकत झोंक चुकी है.
बंगाल में पहले चरण की 30 सीटें आदिवासी बहुल पुरुलिया, बांकुरा, झारग्राम, पूर्वी मेदिनीपुर (भाग-1) और पूर्वी मेदिनीपुर (भाग-2) जिलों में फैली हुई हैं. इन क्षेत्रों को एक समय वाम दलों के प्रभाव वाला माना जाता था. इन सीटों पर चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरती दिख रही भाजपा के बड़े नेताओं ने पुरुलिया, झारग्राम और बांकुड़ा जिलों में रैलियों को संबोधित किया और ‘सोनार बांग्ला’ बनाने के लिए वास्तविक बदलाव लाने का वादा किया.
पहले चरण में उतरे कई स्टार प्रचारक
पहले चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है उनके लिए भाजपा के स्टार प्रचारकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं. भाजपा के अन्य स्टार प्रचारकों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी शामिल रहे.
पश्चिम बंगाल में मुख्य मुकाबला बीजेपी और सत्ताधारी टीएमसी के बीच नजर आ रहा है. एक तरफ जहां राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार बीजपी पर हमलावर है तो वहीं दूसरी तरफ पहली बार राज्य की सत्ता में आने का दंभ भर रही भगवा पार्टी ने पूरे ब्रिगेड को चुनावी मैदान में उतार दिया है. बीजेपी की तरफ से केन्द्रीय मंत्रियों से लेकर सांसद और संगठन स्तर के नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार में उतारा जा चुका है, ताकि यहां के लोगों को बीच ठीक तरह से पार्टी के संदेशों को पहुंचाया जा सके.
राजनीतिक दलों ने झोंकी पूरी ताकत
बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में करिश्मा करते हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की कुल 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर शानदार जीत दर्ज की, जो सत्ताधारी टीएमसी से सिर्फ 4 सीटें कम थी. राज्य में बीजेपी को टीएमसी के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है, जो साल 2011 से ममता बनर्जी के नेतृत्व में सत्ता में है. बीजेपी ने यहां पर 200 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर जीत का लक्ष्य बना रखा है.
पश्चिम बंगाल में पहले चरण के दौरान राज्य के 5 जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण के तहत चार जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल, तीसरे चरण के तहत 31 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल, चौथे चरण के तहत पांच जिलों की 44 सीटों पर 10 अप्रैल, पांचवें चरण के तहत छह जिलों की 45 सीटों पर 17 अप्रैल, छठे चरण के तहत चार जिलों की 43 सीटों पर 22 अप्रैल, सातवें चरण के तहत पांच जिलों की 36 सीटों पर 26 अप्रैल और आठवें चरण के तहत चार जिलों की 35 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होगा.