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भारत-पाक के बीच रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलेगी? इस महीने आमने-सामने होंगे कुरैशी-जयशंकर

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और उसके बाद वहां के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा की तरफ से भारत के साथ शांति वार्ता की पेशकश के बाद इस महीने के आखिर में दोनों देशों के विदेश मंत्री आमने-सामने होंगे. ताजीकिस्तान की राजधानी दुशांबे में ‘हार्ट ऑफ एशिया’ के विदेश मंत्रियों की बैठक होने जा रही है. 30 मार्च को होने वाली इस बैठक में 15 देशों के विदेश मंत्री शामिल होंगे.
30 मार्च के आमने सामने होंगे कुरैशी-जयशंकर

ऐसे में पाकिस्तान से शांति संदेशों की बीच यह महत्वपूर्ण बैठक है. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक इस बैठक के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी शामिल होंगे. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक अभी तक दोनों विदेश मंत्रियो के बीच द्विपक्षीय वार्ता पर कोई फैसला नहीं हो पाया है.
भारत ने किया पाकिस्तान के बयानों का स्वागत  

इधर, भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल बाजवा के ताज़ा बयानों का स्वागत किया है. ABP News से सरकार के उच्च सूत्रों ने कहा कि मसलों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए दिए गए पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल बाजवा के बयान सकारात्मक हैं और भारत सरकार इनका स्वागत करती है.

इमरान खान ने पाकिस्तान में इस्लामाबाद सिक्योरिटी डॉयलाग में अपने भाषण में कहा था कि वो भारत के साथ कश्मीर समेत सभी मसलों को सुलझाना चाहते हैं. इमरान के बाद आज सिक्योरिटी डॉयलाग में बोलते हुए पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने एक बार फिर कहा कि अनसुलझे विवादित मुद्दों की वजह से इस क्षेत्र का विकास नहीं हो पा रहा है और पाकिस्तान दूसरे देशों के साथ सभी मसलों को बातचीत से सुलझाना चाहता है. जनरल बाजवा ने ये भी कहा कि हमने पिछली ग़लतियों से सबक सीखा है और अब हम आगे बढ़ रहे हैं.

यही नहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी बयान दिया कि पाकिस्तान ने फैसला किया है अब वो किसी क्षेत्रीय टकराव में नहीं पड़ना चाहता. भारत सरकार ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री के इस बयान का भी स्वागत किया है. गौरतलब है कि भारत ने पाकिस्तान द्वारा हाल ही में आतंकी फंडिंग मामलों में आतंकी हाफिज़ सईद और ज़की उर रहमान लखवी के खिलाफ की गई कार्रवाईयों का भी स्वागत किया था. साथ ही में हाल ही में दोनों देशों की सेनाओं ने भी सीमा पर युद्धविराम समझौते के पालन पर सहमति का ऐलान किया था.

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