कच्ची हल्दी गुणों की खान है. ये सूखी हल्दी की अपेक्षा कई गुना ज्यादा असरदार है और फायदेमंद भी.
हल्दी (Turmeric) हर तरह से और हर रूप में गुणकारी है. ये एक ऐसी जड़ी-बूटी (Herbs) है, जो मसालों में प्रमुख रूप से इस्तेमाल होती है. हल्दी शरीर की इम्युनिटी (Immunity) को बढ़ाती है और कई तरह की बीमारियों से शरीर की रक्षा करती है. अगर बात की जाए कच्ची हल्दी (Raw Turmeric) की, तो वो गुणों की खान है. सूखी हल्दी की अपेक्षा ये कई गुना ज्यादा असरदार है और फायदेमंद भी. सर्दियों के दिनों में इसका इस्तेमाल भी खूब किया जाता है. कच्ची हल्दी, अदरक की तरह दिखती है जो काटने पर अंदर से पीली होती है. कच्ची हल्दी के फायदों के बारे में आइए यहां जानते हैं.
-पेट के दर्द में हल्दी का सेवन आराम दिलाता है. हल्दी को पानी में उबालकर इसमें गुड़ मिलाकर पीने से दर्द में आराम मिलता है.
-मसूड़ों में दर्द होने पर सरसों के तेल में हल्दी मिलाकर मसूड़ों पर सुबह-शाम मसाज करने से दर्द से राहत मिलती है. साथ ही मसूड़ों की अन्य दिक्कतें भी दूर होती हैं. पायरिया में भी राहत मिलती है.
-चोट और घाव को ठीक करने और सूजन को कम करने में भी हल्दी अहम भूमिका निभाती है.
-कान की दिक्कत में भी हल्दी काम आती है. कान बहने पर हल्दी को उबालकर इसकी कुछ बूंदों को कान में डालने पर आराम मिलता है.
-मुहं में छालों को ठीक करने के लिए हल्दी के पानी का इस्तेमाल किया जाता है. हल्दी को पानी में उबालकर इस पानी से कुल्ला करने पर छालों में आराम मिलता है.
-दाद- खुजली में भी हल्दी का इस्तेमाल असरदार होता है. खुजली वाली जगह पर हल्दी का लेप लगाने से इस परेशानी से राहत मिलती है.
-हल्दी में कैंसर से लड़ने के भी गुण होते हैं. खासकर ये पुरुषों में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर के सेल्स को बढ़ने से रोकती है और उनका खात्मा करती है.
-गठिया रोग में हल्दी आराम देती है. हल्दी शरीर के प्राकृतिक सेल्स को खत्म करने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म करके जोड़ों के दर्द से राहत दिलाती है.
-दूध में हल्दी डालकर उबालकर पीने से नींद न आने की दिक्कत से भी निजात मिलती है. साथ ही सर्दी और खांसी से भी आराम मिलता है.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. newshindustan.in इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.