रक्षा मंत्री ने साफ किया कि चीन से दो टूक कहा गया है कि चीन अपनी सेना को फिंगर 8 इलाके तक वापस बुलाएं और भारत अपनी सेना को फिंगर 3 पर तैनात रखेगा. अप्रैल 2020 की घटनाओं के बाद चीन फिंगर पांच तक पहुंच गया था और भारत की सेना चीन के आमने-सामने मौजूद थी.
चीन लद्दाख के पैंगोंग लेक में इलाके में पीछे हटने को तैयार हो गया है और ये भारत की एक बड़ी कूटनीति विजय है. ये बात भारत चीन सीमा विवाद पर जानकारी देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजयसभा में कही. रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के बीच समझौता हो गया है. पैंगोंग लेक इलाके से दोनों देश अपनी अपनी सेनाओं को पीछे हटाएंगे. राजनाथ ने संसद में दिए बयान में साफ किया कि हम अपनी एक इंच जमीन किसी को भी नहीं लेने देंगे.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में भारत-चीन विवाद को लेकर बयान देते हुए सदन को बताया कि भारत-चीन के बीच पैंगोंग लेक के पास जो विवाद था उस पर समझौता हो गया है और दोनों ही देश की सेनाएं अपने सैनिकों को वहां पीछे हटाएंगी. भारत-चीन दोनों ने तय किया है कि अप्रैल 2020 से पहले ही स्थिति को बहाल किया जाएगा, जो निर्माण अभी तक किया गया उसे हटा दिया जाएगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने चीन से साफ कर दिया है कि LAC में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए और दोनों देशों की सेनाएं अपनी-अपनी पहली की जगह पर वापस पहुंच जाएं. इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने कहा कि हम अपनी एक इंच जमीन भी किसी को नहीं लेने देंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस चीन के साथ हुए इस समझौते में हमने कुछ भी नहीं खोया है. पेंगोंग के नॉर्थ और साउथ बैंक को लेकर दोनों देशों में समझौता हुआ है और दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटेंगी.
राजनाथ सिंह ने राज्यसभा को बताया कि भारत ने चीन से हमेशा कहा है कि द्विपक्षीय संबंध दोनों तरफ से कोशिश करने पर ही विकसित हो सकते हैं, साथ ही सीमा विवाद भी बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है. पिछले एक साल के दौरान सीमा पर चीन ने जो कदम उठाए थे, उससे भारत-चीन के संबंधों पर भी असर पड़ा है. राजनाथ ने कहा कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कई क्षेत्रों में हमारी सेनाएं मौजूद हैं. पूर्वी लद्दाख में चीन के ऊपर भारत ने बढ़त बनाई हुई है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि मिलिट्री और डिप्लोमेटिक लेवल पर हमारी बातचीत हुई है. हमने तीन सिद्धांतों पर जोर दिया है इसके तहत पहला LAC को माना जाए और उसका आदर किया जाये दूसरा किसी स्थिति को बदलने का एकतरफा प्रयास न किया जाए और तीसरा सभी समझौतों का दोनों पक्षों द्वारा पालन किया जाए.
राजनाथ सिंह ने कहा कि सैनिक वापसी की प्रक्रिया के बाद बाकी मुद्दों के समाधान के लिए बातचीत चल रही है. समझौते के 48 घंटे के भीतर दोनों देश के कमांडर मिलेंगे. राजनाथ सिंह ने कहा कि जिन जवानों ने इस दौरान अपनी जान इस गंवाई है उन्हें देश हमेशा सलाम करेगा. साथ ही पूरा सदन देश की संप्रभुता और अखंडता के मुद्दे पर एक साथ खड़ा है.