अब सरकार जीएसटी धोखाधड़ी करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए आयकर विभाग (Income Tax Department) की मदद भी ले रही है.
केंद्र सरकार जीएसटी धोखाधड़ी (GST Fraud) से जुड़े मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. हालात यह है कि पिछले दस सालाें में फर्जीवाड़े के मामले दस-बीस नहीं बल्कि 100 गुना बढ़ गए हैं. जिसे देखते हुए सरकार भी चिंतित है. तमाम सख्ती और निगरानी के बावजूद पिछले दस सालाें में जीएसटी के धाेखाधड़ी के मामलाें में 71 हजार कराेड़ रुपए से ज्यादा का फर्जी क्लेम सामने आया है. वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग की रिपाेर्ट में यह बात सामने आई है. यही वजह है कि अब सरकार जीएसटी धोखाधड़ी करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) की मदद भी ले रही है. अब तक सरकार ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (IT Department) की मदद से गुड्स एंड सर्विस टैक्स में धोखाधड़ी (GST Fraud) करने वाले 7,000 उद्यमियों के खिलाफ कार्रवाई की है. इसमें 187 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
2009 तक सिर्फ़ 67 मामले 2019 में 2800 से ज़्यादा
भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार वर्ष 2009-10 में जहां जीएसटी में रिपाेर्ट किए गए धाेखाधड़ी के मामलाें की संख्या 67 थी वहीं वर्ष 2018-19 में यह संख्या 2836 तक पहुँच गई. वर्ष 2009-10 के पहले ऐसे 179 मामले सामने आए ताे वही उसके बाद से अब तक साल दर साल संख्या में इजाफा हाेता रहा और वर्ष 208-19 तक यह संख्या 6801 तक पहुंच गई. सरकार के तमाम प्रयासाें के बाद भी साल दर साल लगभग दाे से तीन गुना मामलाें में लगातार वृद्धि देखी गई.
ऐसे हाे रहा है यह फर्जीवाड़ा
जीएसटी से जुड़े फ्रॉड में बिना किसी वास्तविक कारोबार के फर्जी इनवॉयस बनाकर कारोबार दिखा दिया जाता है. जीएसटी मामलों के जानकार कैलाश श्रीवास्तव बतातेहैं कि ऐसे कई मामले पकड़े गए हैं जिनमें इनपुट टैक्स क्रेडिट को बिना इनवॉयस या गुड्स और सर्विसेज लिए बिना क्लेम किया गया था. कई लोग दिहाड़ी से कमाने वाले रिक्शा चालकों व इसी तरह के लोगो का इस्तेमाल कई फर्में खोलने के लिए करते हैंजिसके बाद फर्में इनपुट टैक्स लेने के लिए वस्तु और सेवाओं की सप्लाई के बिना इनवॉयस जारी करती हैं.
ऐसे फ्रॉड करने वाले गुड्स और सर्विसेज के वास्तविक सप्लायरों का भी इंतजाम करते हैं जिन्हें एक रकम लेकर ये इनवॉयस बेची जाती हैं. ये सप्लायर इस क्रेडिट का इस्तेमाल अपनी जीएसटी देनदारी चुकाने या अधिक वैल्यू वाले गुड्स के एक्पोर्ट पर चुकाई गई ड्यूटी का रिफंड क्लेम करने में करते हैं.
13 हज़ार कराेड़ से ज़्यादा के इनपुट क्रेडिट टैक्स में धाेखाधड़ी
भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार झूठे इन्वाइसेस (बीजक) जिसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट की धाेखाधड़ी की बात वर्ष 2017-18 से 2019-2020( 25 जून 2019 तक) जीएसटी प्राधिकारियाें द्वारा 2160 मामले दर्ज किए गए जिसमें 13 हज़ार 816.63 कराेड़ के फर्जीवाड़े का पता चला जिसमें शामिल 196 लाेगाें काे गिरफ्तार किया गया.
क्या है इनपुट क्रेडिट सिस्टम
इनपुट क्रेडिट एक वह सिस्टम है, जिसके अंतर्गत आप अपने पहले अदा कर चुके टैक्स (खरीदारियों के साथ) का उपयोग करके उसे अपनी वर्तमान टैक्स देनदारी से घटा सकते हैं. ऐसा करने से आप दोहरा टैक्स देने से बच जाते है. डायरेक्टरोट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) ने पिछले देश भर में की गई कार्रवाई के दौरान टैक्स क्रेडिट फ्रॉड के 1161 से ज्यादा मामले पकड़े हैं. इन मामलों से जुड़े 104 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.