मुंबई, ऑल इंडिया किसान सभा के बैनर तले लगभग 50 हजार किसानों का महामोर्चा मुंबई के आज़ाद मैदान पद यात्रा कर पहुँच चुका है, जिसमे बड़ी संख्या में महिला किसान भी हैं, आशा की जा रही है कि इन किसानो का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखेगा, जानकारी के अनुसार सरकार ने अगर इनकी मांगें नहीं मानी, तो ये लोग महाराष्ट्र विधानसभा का घेराव करेंगे, महाराष्ट्र के सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन से मुलाकात पर किसानो को आश्वासन दिया गया है, लेकिन वे इसके बावजूद भी प्रदर्शन खत्म करने की माँग से पीछे नहीं हट रहे हैं, शिवसेना, मनसे और कांग्रेस इस मुद्दे पर विपक्ष की भूमिका निभाते हुए किसानो की मांग पर विचार कर मान लेने के आशय से किसानो का साथ दे रहे हैं, उधर सरकार बातचीत के माध्यम से रास्ता निकालने प्रयासरत है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे के लिए सरकार की एक कमेटी बनाई है, जिसमें चंद्रकांत पाटिल, पांडुरंग फुडकर, गिरीश महाजन, विष्णु सवारा, सुभाष देशमुख और एकनाथ शिंदे छह मंत्री शामिल हैं, ज्ञात हो किसानो का मोर्चा 6 मार्च को नासिक से रवाना हुआ था, जानकारी के अनुसार जिसका नेतृत्व माकपा की किसान मोर्चा द्वारा किया जा रहा है।
किसानो की मुख्य मांगें है-
* नदी जोड़ योजना के तहत महाराष्ट्र के किसानों को पानी दिया जाए।
* स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए।
* सभी किसानों के कर्ज माफ किए जाएं।
* कृषि उपज में लागत मूल्य के अलावा 50 प्रतिशत लाभ दिया जाए।
* वनाधिकार कानून, वन्य जमीन पर पीढ़ियों से खेती करते आ रहे, किसानों को जमीन का मालिकाना हक दिया जाए।
* संजय गांधी निराधार योजना का लाभ किसानों को दिया जाए।
* सहायता राशि 600 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति माह की जाए।
* ओलावृष्टि प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 40 हजार रु. का मुआवजा दिया जाए।
* किसानों का बिजली बिल माफ किया जाए एवं अन्य।
महाराष्ट्र में कपास, प्याज और संतरे सहित अंगूर आदि कि भी खेती होती है, सूखे के कारण लातूर जैसे स्थानों पर कई बार किसान कर्ज से उबर नहीं पाते हैं।