पाकिस्तान की एक महिला जासूस के जाल में फंसकर हनी ट्रैप का शिकार हुए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के एक साइंटिस्ट ने उसे देश की खतरनाक ब्रह्मोस मिसाइल परियोजना (BrahMos Missile Project) पर खुफिया रिपोर्ट दिखाने का वादा किया था. इस जासूसी मामले पर महाराष्ट्र के आतंकवाद-रोधी दस्ते (ATS) की जांच से पता चला है कि वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर (Pradeep Kurulkar) ने व्हाट्सएप चैट में कहा था कि ब्रह्मोस मिसाइल की बहुत खुफिया रिपोर्ट वह एक पाकिस्तानी महिला जासूस को दिखाएंगे. इस पाकिस्तानी महिला जासूस ने वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर से निजी मुलाकात के दौरान खुद को जारा दासगुप्ता के तौर पर पेश किया था.
हनी ट्रैप के संदिग्ध मामले में डीआरडीओ के अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (इंजीनियर्स) या (DRDO R&D-E) प्रयोगशाला के प्रमुख 59 साल के कुरुलकर को 3 मई को एटीएस ने जासूसी और पाकिस्तान की महिला जासूस के साथ संपर्क रखने के लिए आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act-OSA) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था. एटीएस के मुताबिक पाकिस्तानी महिला जासूस भी अब इस मामले में वांछित आरोपी है. ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक महिला जासूस ने व्हाट्सएप पर कुरुलकर से संपर्क किया. उसने बताया कि वह ब्रिटेन में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी. महिला ने उसे कई अश्लील संदेश भेजकर, वॉयस और वीडियो कॉल करके लालच दिया और कुरुलकर ने 10 जून, 2022 और 24 फरवरी, 2023 के बीच उसके साथ कई बार बातचीत की.
एटीएस ने आरोप लगाया है कि जारा भारत में डीआरडीओ और कई रक्षा परियोजनाओं के बारे में कुरुलकर से गोपनीय जानकारी निकालना चाहती थी. कुरुलकर उसके प्रति ‘आकर्षित’ हो गया और गोपनीय जानकारी साझा करने के लिए कथित तौर पर अपने पद का दुरुपयोग किया. जांच के दौरान एटीएस ने दोनों के बीच व्हाट्सएप चैट को फिर हासिल किया. जिसे एक आरोपपत्र (जिसमें छह खंड और 1,837 पेज हैं) में जोड़ा गया है और पुणे में एक विशेष अदालत के सामने पेश किया गया है. आरोपपत्र के मुताबिक दोनों ने 19 अक्टूबर, 2022 और 28 अक्टूबर, 2022 के बीच ब्रह्मोस के बारे में बातचीत की थी.