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भारत ने युवा शक्ति के बल पर विश्व में श्रेष्ठता का परचम लहराया : राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल

राज्यपाल श्रीमती पटेल से मिला अप्रवासी भारतीय युवा दल।

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भोपाल (22-फरवरी), 2018, राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने भेंट करने आये अप्रवासी भारतीय युवा दल को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा देश दुनिया भर में युवा शक्ति के बल पर अपनी श्रेष्ठता का परचम लहरा रहा है, इसलिये यह जरूरी है कि भारत और विश्व के सभी देशों के युवाओं के बीच परस्पर सम्पर्क होते रहें। हम लोग मिलकर विश्व में शांति और सदभाव बढ़ाने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव डॉ. एम मोहनराव, प्रमुख सचिव पर्यटन हरीरंजन राव और विदेश मंत्रालय के उप सचिव गिरीश चन्द्र सहित विदेशों से आये युवा आप्रवासी भारतीय उपस्थित थे। भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के युवाओं को भारत जानिए कार्यक्रम के तहत विश्व के विभिन्न देशों के लगभग 50 युवा अप्रवासी भारतीय मध्यप्रदेश भ्रमण पर आये थे। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश बनकर उभरा है। विश्व के सभी देशों के लिये आज भारत के साथ मिलकर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार के अभूतपूर्व अवसर उपलब्ध हैं। किसी भी देश के विकास में युवाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में उपग्रह भोजने के क्षेत्र में हमारा देश रूस से आगे है। हम कहीं भी रहें हमें अपने देश की संस्कृति और सभ्यता से प्यार होना चाहिए, उसे भूलना नहीं चाहिए। विदेश मंत्रालय के उप सचिव गिरीश चंन्द्र ने कहा कि विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के 18 से 30 वर्ष के युवाओं को अपनी भारतीय जड़ों और समकालीन प्राचीन संस्कृति सभ्यता और सुशासन एवं प्रदेश की विकास यात्रा से अवगत कराना है। इस अवसर पर राज्यपाल ने अप्रवासी भारतीय युवाओं को स्मृति चिंह भेंट किये, राज्यपाल को अप्रवासी भारतीय युवा दल के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव बताये।
अन्य कार्यक्रम में भोपाल में हैप्पीनेस इंडेक्स पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में अधिकांश वक्ताओं का मानना था कि देश में सबसे पहले आनंद विभाग गठित करने वाला मध्यप्रदेश जिस ऊर्जा से आनंद विभाग की गतिविधियों का निरंतर विस्तार कर रहा है, वह प्रशंसनीय और अभिनंदनीय है। वक्ताओं ने आशा व्यक्त की कि इस कार्यशाला के निष्कर्षों के आधार पर न सिर्फ देश, बल्कि विश्व के लिए नागरिकों में आनंद के स्तर को बढ़ाने के नवीन मॉडल सामने आएंगे। हैप्पीनेस इंडेक्स के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन आनंद विभाग मध्यप्रदेश शासन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आय.आय.टी) खड़गपुर के सहयोग किया है। कार्यशाला के शुभारंभ सत्र को अमेरिका से आए प्रो. राज रघुनाथन, संयुक्त अरब अमिरात के प्रो. डेविड जोन्स, आयआयटी खड़गपुर के प्रो. पी. पटनायक और आनंद विभाग के गठन की पहल करने वाले देश भूटान के डॉ. साम्दु चेत्री ने सम्बोधित किया। डॉ. साम्दु चेत्री ने कहा कि भूटान द्वारा की गई पहल को अनेक देशों ने सराहा, मध्यप्रदेश ने आनंद विभाग बनाकर मानवता के पक्ष में बहुत अच्छा कदम उठाया है। प्रो.राज रघुनाथन (यूएसए) जो मूलत: तमिलनाडु के हैं, अपने सम्बोधन में कहा कि मनुष्य की मूलभूत जरूरतों रोटी,कपड़ा, मकान के अलावा अच्छा स्वास्थ्य, सुरक्षा, यातायात सुगमता, शिक्षा, पड़ोस और परिजन आदि से जुड़ाव जैसे प्रसन्नता के मापदंडों पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि आज परिवार के रिश्ते यदि इंटरनेट के अत्यधिक उपयोग से प्रभावित हो रहे हैं, तो उसे रोकने के लिए प्रयास होना चाहिए। प्रो. रघुनाथन ने कहा कि आज एक ऐसे आनंद टी.व्ही. चैनल की आवश्यकता है जो व्यक्ति को वास्तविक मनोरंजन प्रदान कर उसे आंतरिक खुशी भी प्रदान करे। हैप्पीनेस इंडेक्स कार्यशाला में आज शुभारंभ सत्र में अपर मुख्य सचिव आनंद विभाग इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि मध्यप्रदेश में सिर्फ अठारह महीने में आनंद विभाग गठित करने के पश्चात अनेक कार्यक्रम प्रारंभ किए गए। इसके बेहतर परिणाम भी मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि आनंद संस्थान की गतिविधियों से नागरिकों को जोड़ने में सफलता मिल रही है। श्री बैंस ने ईशा फाउंडेशन, कोयंबटूर और पंचगनी एवं बैंगलोर के दो अन्य संस्थानों में प्रशिक्षण के प्रावधानों की जानकारी भी दी। इस अवसर पर श्री बैंस ने मध्यप्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों से मिल रहे सहयोग को महत्वपूर्ण बताते हुए उसकी सराहना भी की। उन्होंने प्रारंभ में कार्यशाला में आए विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया। शिक्षण से जुड़े लेखक और स्तम्भकार डॉ. डेविड जोंस (दुबई) ने बताया कि जीवन में संतोष प्राप्ति के अलग-अलग स्तर हैं। व्यक्ति के लिए विभिन्न तरह के हुनर महत्व रखते हैं। डॉ. डेविड ने प्रसन्नता के विभिन्न सिद्धांतों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। आई.आई.टी खड़गपुर के प्रो. पी. पटनायक ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सुविधाओं के विकास के साथ बेहतर यातायात, व्यक्ति का अच्छा मानसिक स्वास्थ्य और परस्पर मेलजोल की स्थितियां आनंद के स्तर में वृद्धि करती हैं। विश्व हैप्पीनेस रिपोर्ट 2016-18 भी इन्हीं बिन्दुओं का समर्थन करती है। कार्यशाला के अवसर पर राज्य निर्वाचन आयुक्त आर.परशुराम, सेवा निवृत्त आय.ए.एस प्रसन्न दास, विश्वपति त्रिवेदी, कलेक्टर होशंगाबाद अविनाश लवानिया, कलेक्टर सीहोर तरूण पिथौडे, श्रीमती जयश्री कियावत, राज्य आनंद संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मनोहर दुबे, निर्देशक नीरज वशिष्ठ, संदीप दीक्षित, प्रवीण गंगराड़े, आनंद संस्थान की गतिविधियों से जुड़े पदाधिकारी और देश के विभिन्न संस्थानों से आए प्रतिभागी उपस्थित थे

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