पीएम मोदी जुलाई 7 को अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में होंगे. इस दौरे के दौरान पीएम मोदी कई विकास योजनाओं का उद्घाटन करेंगे और साथ ही नई परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे. इन विकास परियोजनाओं में वाराणसी के मशहूर गंगा के घाट हैं जिनमें मणिकर्णिका और हरिश्चचंद्र घाट भी शामिल हैं. इन योजनाओं में तमाम गंगा घाटों में जन सुविधाओं को बेहतर बनाने का काम शामिल है. ऐसा पहली बार नहीं होगा जब पीएम मोदी ऐसी योजनाओं को मूर्त रूप देने में आगे आए हैं. वाराणसी को अपना लोकसभा क्षेत्र बनाते वक्त ही उन्होंने वाराणसी आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को स्तरीय जन सुविधाएं उपलब्ध कराने का बीड़ा उठा लिया था. 2014 में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में नदी किनारे घाटों का विकास उनका सपना रहा है.
नवंबर 2014 की एक याद ताजा हो आई है. जब पीएम पद संभालने के चंद महीनों के बाद ही नरेंद्र मोदी खुद फावड़ा उठाकर अस्सी घाट की सफाई में जुट गए थे. इससे आम बनारसवासियों के दिलो दिमाग पर घाटों की सफाई और सौंदर्यीकरण का मुद्दा छाता चला गया और साथ ही अस्सी घाट चंद महीनों में ही चमक उठा. उसके बाद नवंबर 2020 में पीएम मोदी ने नवंबर 2020 में दशाश्वमेध घाट और खिड़कियां घाट के पुनर्विकास के लिए आधारशिला रखी थी. जुलाई 2022 में पीएम ने पुनर्विकसित खिड़कियां घाट के फेज -1 का उद्घाटन भी किया. ये घाट अब नमो घाट के नाम से जाना जाता है. इस घाट की खासियत है नमस्ते की मुद्रा में बने तीन हाथों की मूर्ति. ये वीआईपी घाट नहीं है. इस घाट पर कोई भी जा सकता है और विकलांगों के लिए रैंप भी बनाए गए हैं.
दशाश्वमेध घाट पर टूरिस्ट प्लाजा का किया था उद्घाटन
जुलाई 2022 में अपने दौरे पर पीएम मोदी ने दशाश्वमेध घाट पर टूरिस्ट प्लाजा का उद्घाटन किया था. साथ ही पीएम ने अस्सी घाट से राजघाट तक क्रूज बोट चलने का उद्घाटन भी किया था. ये PRASHAD योजना के तहत शुरू किया गया. ये योजना पीएम का राष्ट्रीय मिशन है जिसमें तीर्थयात्रा और ऐतिहासिक धरोहरों को सौंदर्यीकरण और सुविधाएं बढ़ाकर ज्यादा से ज्यादा पर्यटक और श्रद्धालुओं को आकर्षित किया जा सके. पीएम मोदी ने सिर्फ घाटों को नया रूप देने के लिए मेहनत नहीं की है बल्कि ये सुनिश्चित किया है कि इन घाटों के कायाकल्प का दुनिया लोहा माने. विदेशी मेहमानों के भारत दौरे के दौरान उन्हें वाराणसी या फिर साबरमती ले जाकर पीएम मोदी ये सुनिश्चित करते रहते हैं कि किनारों की सफाई भी रहे और घाटों की देख रेख अनवरत चलती रहे.
जब शिंजो आबे शामिल हुए थे गंगा आरती में
दिसंबर 2015 में पीएम मोदी और जापान के पीएम शिंजो आबे ने दशाश्वमेध घाट पर सूर्यास्त पर होने वाली अद्भुत गंगा आरती में शामिल होकर दुनिया को दिखाया कि भारत के इन घाटों की परंपरा कितने कमाल की है. इस आयोजन के लिए पूरे घाट की सफाई हुई थी और इसे फूलों से सजाया गया था. इससे साबित हो गया कि पीएम घाटों को कितना महत्व देते हैं. मार्च 2018 में पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों ने नाव में बैठ कर अस्सी घाट से दशाश्वमेध घाट तक का सफर तय किया था. पूरे रास्ते पर बने घाट भारत की प्रचीन संस्कृति और विरासत की कहानी कह रहे थे. दिसंबर 2020 में पीएम मोदी ने देव दिवाली के मौके पर वाराणसी के राजघाट पर दिया जलाकर इस त्योहार की शुरुआत की थी.