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अरब सागर से उठ रहा चक्रवात बिपरजॉय, किस ओर बढ़ रहा खतरा और मॉनसून पर क्या होगा असर…. जानें सबकुछ

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भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department-IMD) ने मंगलवार को कहा कि गुजरात में दक्षिणी पोरबंदर में दक्षिणपूर्व अरब सागर पर निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ सकता है. इससे बना चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Cyclonic Storm Biparjoy) और तेज हो सकता है. चक्रवात बिपरजॉय का नाम बांग्लादेश ने दिया है. मौसम विभाग ने एक बुलेटिन में कहा कि निम्न दबाव का क्षेत्र सुबह साढ़े पांच बजे पश्चिम-दक्षिणपश्चिम गोवा से करीब 920 किलोमीटर, दक्षिण-दक्षिणपश्चिम मुंबई से 1,120 किमी, दक्षिण पोरबंदर से 1,160 किमी और पाकिस्तान में दक्षिण कराची से 1,520 किलोमीटर पर बना हुआ था.

आईएमडी ने सोमवार को कहा था कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और अगले दो दिनों में इसमें तेजी आने के कारण चक्रवाती हवाएं मॉनसून (Monsoon) के केरल तट की ओर बढ़ने को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं. हालांकि, मौसम विभाग ने केरल में मॉनसून के आगमन की संभावित तारीख नहीं बताई. निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काइमेट वेदर’ ने बताया कि केरल में मानसून आठ या नौ जून को दस्तक दे सकता है, लेकिन हल्की बारिश की ही संभावना है. उसने कहा कि ‘अरब सागर में मौसम की ये शक्तिशाली प्रणालियां अंदरुनी क्षेत्रों में मानसून के आगमन को प्रभावित करती हैं. इसके प्रभाव में मानसून तटीय हिस्सों में पहुंच सकता है लेकिन पश्चिम घाटों से आगे जाने में उसे संघर्ष करना पड़ेगा.’

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून आम तौर पर एक जून को लगभग सात दिनों के मानक विचलन के साथ केरल में प्रवेश करता है. मई के मध्य में, आईएमडी ने कहा था कि मॉनसून चार जून तक केरल में आ सकता है. दक्षिण-पूर्वी मॉनसून पिछले साल 29 मई, 2021 में तीन जून, 2020 में एक जून, 2019 में आठ जून और 2018 में 29 मई को पहुंचा था. आईएमडी ने पूर्व में कहा था कि अल नीनो (El Nino) की स्थिति विकसित होने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है.

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