नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने ऐलान किया है कि अब उसका बैंक F&O (फ्यूचर एंड ऑप्शन) कॉन्ट्रेक्ट गुरुवार की बजाय शुक्रवार को एक्सपायर होगा. यानी ट्रेडर्स को कॉन्ट्रेक्ट भुनाने के लिए अब एक अतिरिक्त दिन मिलेगा. एनएसई ने मंगलवार 6 जून को इसकी घोषणा की. यह बदलाव 7 जुलाई से लागू हो जाएगा. गुरुवार को एक्सपायर होने वाले सारे कॉन्ट्रेक्ट अब शुक्रवार को शिफ्ट हो जाएंगे. नई घोषणा के अनुसार, फर्स्ट फ्राइडे एक्सपायरी 14 जुलाई की होगी.
अभी निफ्टी बैंक का साप्ताहिक कॉन्ट्रेक्ट गुरुवार को एक्सपायर होता है. इसी तरह मासिक और त्रैमासिक कॉन्ट्रेक्ट माह के आखिरी गुरुवार को खत्म होता है. लेकिन अब दोनों की सूरतों में यह बदलकर शुक्रवार हो जाएगा. अगर माह के अंतिम शुक्रवार को छुट्टी है तो कॉन्ट्रेक्ट की एक्सपायरी एक दिन पहले यानी गुरुवार को शिफ्ट हो जाएगी.
कैसे बदलेगा मैच्योरिटी डे
एनएसई ने कहा है कि 6 जुलाई को ट्रेडिंग डे के अंत में सारे एफएंडओ कॉन्ट्रेक्ट की मैच्योरिटी शुक्रवार के लिए रिवाइज हो जाएगी. मौजूदा नियम के लिहाज से जो एक्सपायरी डेट 13 जुलाई होनी चाहिए वह 14 जुलाई हो जाएगी. वहीं, अगर त्रैमासिक कॉन्ट्रेक्ट की बात करें तो अगर किसी का कॉन्ट्रेक्ट अगस्त की 31 तारीख यानी गुरुवार को खत्म हो रहा था वह उससे पहले वाले शुक्रवार यानी 25 अगस्त को शिफ्ट हो जाएगा.
क्या हैं एफएंडओ
फ्यूचर एंड ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट का हिस्सा हैं. यह स्टॉक, कमोडिटी या करेंसी पर लगाए गए कॉन्ट्रेक्ट होते हैं. फ्यूचर एंड ऑप्शन लगभग एक ही तरह काम करते हैं. इसमें कोई ट्रेडर वादा करता है कि वह किसी एसेट को भविष्य में इस दिन खरीद या बेच देगा. इसके लिए कीमत भी पहले से ही तय रहती है. हालांकि, इसमें कुछ अंतर भी है. ऑप्शन में आपको अपने कॉन्ट्रेक्ट की शर्त पूरी करने की जरूरत नहीं होती. जबकि फ्यूचर में आप ऐसा नहीं कर सकते. आपके एक्सपायरी डेट तक अपने कॉन्ट्रेक्ट की शर्त पूरी करनी होती है. इन दोनों में ये एक बड़ा अंतर है.