प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुजरात में 30 लाख रुपये की रिश्वतखोरी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में आयकर विभाग में पदास्थापित एक आईआरएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है. संघीय एजेंसी के अनुसार, गांधी नगर में पदास्थापित आयकर विभाग के पूर्व अतिरिक्त आयुक्त संतोष करनानी को पीएमएलए कानून के तहत दो जून को हिरासत में लिया गया था. मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी से जुड़ा हुआ है. ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA) के प्रावधानों के तहत अतिरिक्त आयकर आयुक्त संतोष करनानी को गिरफ्तार किया है.
करनानी को सीबीआई ने कुछ समय पहले गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल जेल में हैं. ईडी पूछताछ के लिए करनानी को हिरासत में लेने का अनुरोध लेकर अहमदाबाद की पीएमएलए अदालत पहुंची थी.
धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत शुरुआती जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि आरोपी संतोष करनानी ने एक ‘अंगड़िया फर्म‘ (एक कूरियर कंपनी व्यापारी और व्यवसायी के बीच नकदी ले जाने वाली) के जरिये 30 लाख रुपये की रिश्वत की रकम की मांग की और उसे स्वीकार भी किया. इस कंपनी का नाम धारा अंगडिया (Dhara Angadia) है जोकि सफल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के रूपेश बलवंतभाई ब्रह्मभट्ट की है.
ईडी ने कहा कि यह भी खुलासा हुआ है कि 2021 और 2022 के बीच कम से कम 4.25 करोड़ रुपये के कई संदिग्ध लेनदेन भी हुए थे, जिसमें उक्त अंगडिया फर्म के साथ बनाए गए खाते भी शामिल थे