एविएशन सेक्टर और उससे जुडे क्षेत्र किसी भी देश की आर्थिक प्रगति का अहम आधार होते हैं. देश में हवाई सेवाओं का विस्तार देश की औद्योगिक प्रगति को गति देने के साथ-साथ पर्यटन,औद्योगिक और अन्य सामान के आवाजाही में सुगमता प्रदान कर किसी भी देश की प्रगति में चार चांद लगाता. आज अगर हम पश्चिमी और यूरोपीय देशो में आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करें तो हमें पाते हैं कि इन देशो में एविएशन सेक्टर हमेशा से मजबूत स्थिति में रहा है. हालांकि भारत में विपक्षी पार्टियो के शासनकाल में इसे विलासिता का साधन माना गया और यह क्षेत्र निरंतर उपेक्षा का शिकार रहा.
2014 में कार्यभार संभालने के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एविएशन सेक्टर को विकास के महत्वपूर्ण सोपानो में सम्मिलित किया और क्षेत्र को भरपूर प्रोत्साहन देने पर जोर दिया. आज मोदी सरकार के कार्यभार संभालने के बाद हम बीते 9 सालो में एविएशन सेक्टर को विकास की गाथा को देखें तो हम पाते हैं कि एविएशन सेक्टर आज देश की प्रगति में बढ़चढ़ कर अहम भूमिका निभा रहा है.
मोदी सरकार के कार्यकाल संभालने के वर्ष 2014 में देश में जहां सिर्फ 74 एयरपोर्ट थे वहीं 9 सालो में ये संख्या बढ़कर 148 हो गई है। वर्ष 2014 में भारत में जहां 120 मिलियन डोमेस्टिक पैसेंजर थे,वहीं 2020 में यह बढ़कर 275 मिलियन तक पहुंच गई.
एविएशन सेक्टर में बड़े नीतिगत फैसले
मोदी सरकार ने वर्ष 2016 में नेशनल सिविल एविएशन पालिसी( NCAP 2016) का शुभारंभ किया. इसके साथ ही एयरक्राफ्ट,हैलीकाप्टर,ड्रोन और उसके इंजन तथा पार्टस के लिए MRO इंड्स्ट्री को बढावा देने के लिए सितंबर 2021 में नई गाईडलाइंस जारी की थी. हैलीकाप्टर उद्योग को बढावा देने के लिए मोदी सरकार ने हैलीकॉप्टर आपरेशन पॉलिसी भी बनाई. मोदी सरकार की इन नीतियों के फलस्वरुप ड्रोन उद्योग वर्ष 2020 में 2900 करोड़ रुपए से बढ़कर 2025 तक 77,300 करोड़ और वर्ष 2030 तक 2,95,000 करोड़ तक होने की संभावना है.
यात्री संख्या में घरेलू एयरलाइंस नया रिकार्ड
23 मई 2023 को जारी एक सरकारी आंकड़े के अनुसार देश में घरेलू एयरलाईंस ने सारे रिकार्ड तोडते हुए 503.92 लाख यात्रियों को सेवा प्रदान की. बीते साल के 352.75 लाख यात्रियो के मुकाबले इसमें 42.85 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्ज की गई