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ट्रेन में कोटे से मिलता कन्फर्म टिकट! कैसे उठाएं इसका फायदा, जानिए क्या होता है रेलवे में आरक्षण

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भारतीय रेलवे में कई तरह के कोटे के तहत टिकट बुक की जाती है. हालांकि, ज्यादातर यात्रियों को सिर्फ तत्काल, लेडीज और विकलांग कोटे के यात्रियों से जुड़ी जानकारी होती है. यात्री चाहें तो अन्य कोटे के माध्यम से भी टिकट बुक करा सकते हैं. आइये जानते हैं आखिर वो कौन-से कोटे हैं जिनके तहत टिकट बुक कराई जाती है.ट्रेन में सुकून भरे सफर के लिए कंफर्म टिकट जरूरी होता है खासकर जब आप लंबी दूरी की यात्रा कर रहे हैं. लेकिन लंबी वेटिंग लिस्ट के कारण रेलवे टिकट आसानी से कंफर्म नहीं होते हैं. इस वजह से कई यात्री तत्काल कोटे से टिकट बुक कराते हैं.इसके अलावा लेडीज और सीनियर सिटीजन कोटे से बुकिंग होती है. हालांकि, ये सब वे कोटे हैं जिनकी जानकारी IRCTC की वेबसाइट पर उपलब्ध होती है. लेकिन भारतीय रेलवे में कई ऐसे कोटे हैं जिसके सहारे कंफर्म टिकट पाई जा सकती है.भारतीय रेलवे में करीब 19 प्रकार के कोटे होते हैं. इनमें सबसे ज्यादा लोग जनरल कोटे और तत्काल कोटे में टिकट लेते हैं. इसके अलावा वीआईपी कोटा, लेडीज कोटा, सीनियर सिटिजन कोटा, HO यानी हेड क्वार्टर या हाई ऑफिशियल समेत कई अन्य कोटे भी होते हैं. आइये जानते हैं इनकी मदद से आप कैसे कंफर्म टिकट पा सकते हैं.वीआईपी कोटा- रेलवे में इस कोटे के तहत सांसदों या पूर्व सांसदों को टिकट मिलता है. केंद्र या राज्य सरकार के मंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज और विधायक भी इस कोटे से यात्रा कर सकते हैं.लेडीज कोटा- यह कोटा अकेले या 12 साल से कम उम्र के बच्चे के साथ यात्रा करने वाली महिला यात्रियों के लिए रिजर्व होता है. कुछ ट्रेनों में सेकेंड सीटिंग (2S) और स्लीपर क्लास (SC) में महिला यात्रियों के लिए 6 बर्थ निर्धारित होती हैं. बुकिंग के समय यदि लेडीज कोटा में बर्थ उपलब्ध है तो आप सीधे सीट बुक करा सकते हैं.विकलांग कोटा- शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए दिव्यांगजन कोटा आरक्षित है. उन्हें यात्रा के लिए 2 बर्थ दिए जाते हैं. निचला बर्थ विकलांग व्यक्ति के लिए होता है और साथ वाली सीट उसके साथ यात्रा करने वाले सहयात्री के लिए होती है.रक्षा कोटा, डिफेंस अधिकारियों के लिए रिजर्व होता है. इस कोटे के जरिए बुक किए गए टिकटों का उपयोग अक्सर ट्रांसफर के लिए, घर के लिए यात्रा करने या छुट्टी के बाद ड्यूटी में शामिल होने के लिए किया जाता है.भारतीय रेलवे में युवा कोटा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) द्वारा प्रमाणित 18-45 वर्ष की आयु के बेरोजगार यात्रियों के लिए है. टिकट बुकिंग के दौरान इस रियायत का लाभ उठाने के लिए मनरेगा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है. इसके अलावा अन्य कोटे का लाभ आम यात्री भी उठा सकता है लेकिन उसके लिए रेलवे के कोटे से जुड़े नियमों को पालन करना पड़ता है.

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