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हिरोशिमा में PM मोदी से हो सकती है यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की मुलाकात, युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार मिलेंगे दोनों नेता

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान के हिरोशिमा में G7 शिखर सम्मेलन के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात हो सकती है. अगर ऐसा होता है, तो यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से यह पहली बार होगा, जब दोनों नेता व्यक्तिगत रूप से​ मिलेंगे. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने की उम्मीद है और वह शनिवार को हिरोशिमा पहुंच सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही हिरोशिमा के लिए रवाना हो चुके हैं जहां वह जी7 नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे और क्वाड लीडरशिप समिट में भी भाग लेंगे.

इस साल की शुरुआत में यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमिन दजापरोवा ने नई दिल्ली का दौरा किया था, जहां उन्होंने भारत से यूक्रेन की ‘शांति योजना’ का समर्थन करने का आग्रह किया था. भारत ने कई मौकों पर रूस और यूक्रेन दोनों से पूर्वी यूरोपीय क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आग्रह किया है. यूक्रेन में युद्ध छिड़ने के बाद पीएम मोदी एक बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर चुके हैं. सितंबर 2022 में उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की शिखर बैठक के दौरान पुतिन से उनकी मुलाकात हुई थी. दोनों नेताओं ने एससीओ समिट के इतर बैठक की थी. तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि यह ‘युद्ध का युग नहीं’ है- एक ऐसा बयान जो वैश्विक नेताओं के साथ प्रतिध्वनित हुआ.

भारत ने बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने और शत्रुता को समाप्त करने की बात कही है और सभी पक्षों से यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है. पीएम मोदी ने इस फरवरी में भी यूक्रेन में शांति का आग्रह किया था. नई दिल्ली में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा था, ‘यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत के बाद से, भारत ने इस विवाद को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल करने पर जोर दिया है. भारत किसी भी शांति प्रक्रिया में योगदान देने के लिए तैयार है.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 शिखर सम्मेलन के मौके पर कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे, जहां उन्हें विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिरोशिमा में जी7 शिखर सम्मेलन के इतर दक्षिण कोरियाई प्रधान मंत्री हान डक-सू, वियतनामी प्रधान मंत्री फाम मिन्ह चिन्ह, जी7 अध्यक्ष और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मिलेंगे. जी7 प्रमुख औद्योगिक राष्ट्रों का अनौपचारिक समूह है, जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य शामिल हैं, हिरोशिमा में बैठक कर रहे हैं. इस वर्ष, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कोमोरोस, कुक आइलैंड्स, भारत, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया और वियतनाम के नेताओं को आमंत्रित किया गया है क्योंकि G7 का उद्देश्य तथाकथित ग्लोबल साउथ में विकासशील देशों तक पहुंचना है.

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