Home राष्ट्रीय 15 साल करेगी काम नई विदेश व्‍यापार नीति, 7 साल में 20...

15 साल करेगी काम नई विदेश व्‍यापार नीति, 7 साल में 20 खरब डॉलर का निर्यात लक्ष्‍य, छोटे-मझोले उद्योगों को सबसे ज्‍यादा लाभ

41
0

निर्यात को बढ़ावा देने और भारत को दुनिया की फैक्‍ट्री बनाने का लक्ष्‍य लेकर सरकार ने 1 अप्रैल, 2023 से नई विदेश व्‍यापार नीति (FTP) लागू कर दी है. केंद्रीय वाणिज्‍य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को नई FTP की विशेषाताओं और इसके लक्ष्‍य का खुलासा किया. गोयल ने कहा कि नई विदेश व्‍यापार नीति का मकसद कारोबार को इंसेटिव यानी प्रोत्‍साहन वाली रिजीम से हटाकर छूट और पात्रता आधारित रिजीम पर शिफ्ट करना है. हमारा लक्ष्‍य साल 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर (20 खरब डॉलर यानी करीब 162 लाख करोड़ रुपये) का निर्यात लक्ष्‍य प्राप्‍त करना है.

पीयूष गोयल ने कहा कि नई नीति के तहत रुपये को ग्‍लोबल ट्रेड में मंजूरी दिलाने का लक्ष्‍य भी शामिल किया गया है. हमारा मकसद भारतीय करेंसी को बॉस बनाना है. कोरोनाकाल की वजह से नई विदेश व्‍यापार नीति को लागू करने में 3 साल की देरी हुई है. इसे 15 साल के लिए बनाया गया है, लेकिन बीच-बीच में इसकी समीक्षा भी की जाएगी और जरूरी सुधार लागू होंगे.

हर 5 साल पर होगी समीक्षा
इस मौके पर मौजूद मौजूद विदेश व्‍यापार महानिदेशक (DGFT) संतोष सारंगी ने बताया कि FTP 2023 की वैसे तो कोई डेडलाइन नहीं बनाई गई है, लेकिन फिलहाल इसे 5 साल के लिए लागू किया जाएगा और हर 5 साल पर इसकी समीक्षा की जाएगी. इस दौरान जरूरत के हिसाब से इसे अपडेट भी किया जाएगा. वाणिज्‍य मंत्रालय के सचिव सुनील बरथवाल ने कहा कि हमने अनिश्चितताओं को तोड़ा है और यह धारणा कायम की है कि हमारे निर्यात क्षेत्र का सूर्य कभी अस्‍त नहीं होगा.

2022-23 में 770 अरब डॉलर का निर्यात
DGFT ने बताया कि भारत ने पहली बार 770 अरब डॉलर के निर्यात आंकड़े को पार कर सकता है. अनुमान है कि चालू वित्‍तवर्ष में हमारा कुल निर्यात 760-770 अरब डॉलर होगा. वित्‍तवर्ष 2021-22 में देश का कुल निर्यात 676 अरब डॉलर रहा था. इसका फायदा ई-कॉमर्स एक्‍सपोर्ट को भी मिलेगा. साल 2030 तक ई-कॉमर्स एक्‍सपोर्ट बढ़कर 200 से 300 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. कुरियर सर्विस के जरिये निर्यात का औसत 5 लाख से बढ़कर 10 लाख रुपये पहुंच चुका है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here