रायपुर, पर्याप्त भूमिगत जल स्तर वाले ऐसे इलाकों में जहाँ पेयजल संकट की स्थिति निर्मित होने की आशंका नहीं है, ऐसे क्षेत्र विशेष अथवा गांव विशेष में ग्रीष्मकालीन धान लगाए जाने और उसके लिए नलकूप से सिंचाई के लिए पानी लेने पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं है, परन्तु दलहन-तिलहन की फसल को प्रोत्साहित किया जाना है, इस आशय का परिपत्र राज्य के समस्त संभागीय कमिश्नरों और जिला कलेक्टरों को राज्य शासन की ओर से जारी किया है, परिपत्र में खरीफ वर्ष 2017 में कम वर्षा के कारण सूखे की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ग्रीष्मकालीन धान को हतोत्साहित करने और प्रभावित इलाकों में संरक्षित जल के दक्षतापूर्ण उपयोग के बारे में स्थिति स्पष्ट की गई है, मुख्य सचिव के परिपत्र में पिछले महीने की 18 तारीख को जारी अपने परिपत्र का उल्लेख किया है और कहा है कि उस पत्र के माध्यम से खरीफ 2017 में प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में कम वर्षा के फलस्वरूप ग्रीष्मकालीन धान को हतोत्साहित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। परिपत्र में लिखा है कि राज्य शासन द्वारा विचारोपरांत निर्णय लेकर यह स्पष्ट किया जा रहा है, कि प्रदेश के ऐसे क्षेत्र जहां पर्याप्त भूमिगत जल स्तर है और जिन क्षेत्रों में पेयजल संकट की स्थिति निर्मित होने की आशंका नहीं है, ऐसे क्षेत्र विशेष अथवा ग्राम विशेष में ट्यूबवेल के माध्यम से ग्रीष्मकालीन धान लगाने पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध या रोक नहीं है, लेकिन दलहन-तिलहन की फसल को प्रोत्साहित किया जाना है, तथापि किसानों को ऐसे क्षेत्रों में दलहन-तिलहन के स्थान पर ग्रीष्मकालीन धान लगाए जाने के संबंध में पेयजल की स्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने के लिए जिला कलेक्टरों को अधिकृत किया गया है।