रायपुर, चित्र भारती तथा कुशाभाऊ ठाकरे जनसंचार एवं पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर के संयुक्त बैनर पर आयोजित समझ फिल्म की कार्यक्रम संस्कृति विभाग के सभागार में संपन्न हुआ, इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख तथा चित्र भारती के संरक्षक डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि हम विदेशों की नकल में पडकर छॉलीवुड और बॉलीवुड नाम फिल्म संस्थाओं का रखते हैं लेकिन अन्य देशों में ऐसा नही है, भारतीय संस्कृति और विचार पर आधारित फिल्में देश और समाज का हित कर सकती हैं तथा एक नई दिशा दे सकती हैंA इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य हिंदी ग्रंथ अकादमी द्वारा प्रकाशित पुस्तक “घोष शास्त्र” का विमोचन भी किया गयाA कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुशाभाऊ ठाकरे जनसंचार एवं पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. एम.एस. परमार ने कहा कि फिल्में भी संचार का बेहतरीन माध्यम हैं, इन्हें देख-सुनकर भी समाज में बदलाव आता है, सोच और समझ विकसित होती है, बॉलीवुड को चाहिए कि वह भारतीय समाज और जीवन पर आधारित फिल्मों का निर्माण करे, श्री परमार ने बताया कि विश्वविद्यालय में हम नये स्टूडियो का निर्माण कर रहे हैं, जहाँ से टीवी और रेडियो पत्रकारिता का प्रशिक्षण हासिल कर प्रतिभाएं मीडिया जगत में जाएंगी तो देश और समाज के काम आ सकेंगी, इस अवसर पर चार लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गयाA
छॉलीवुड हॉलीवुड की नकल, भारतीय दृष्टि तलाशें : डॉ. मनमोहन वैद्य
“चित्र भारती” तथा कुशाभाऊ ठाकरे जनसंचार एवं पत्रकारिता विश्वविद्यालय का आयोजनA