रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पंडित दीनदयाल ऑडिटोरियम में एक कार्यक्रम “दिल से दिल की बात” में इस योजना से लाभान्वित पांच सौ बच्चों से मुलाकात की और उन्हें स्वस्थ, सुदीर्घ और खुशहाल जीवन के लिए आशीर्वाद प्रदान किया। डॉ. सिंह ने इस अवसर पर कहा है कि मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा योजना बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाली योजना है। यह योजना मेरे दिल के सबसे करीब है। वर्ष 2008 में योजना के शुरू होने से लेकर अब तक इस योजना में सात हजार 500 बच्चों के हृदय रोग के इलाज के लिए सफल ऑपरेशन किए गए हैं। योजना में 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों के हृदय का निःशुल्क ऑपरेशन राज्य सरकार द्वारा कराया जाता है, कार्यक्रम का आयोजन स्वास्थ्य विभाग और राजधानी रायपुर के नारायणा हृदयालय (एम.एम.आई) अस्पताल के सहयोग से किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 45 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं। यदि बच्चे को हृदय रोग हो जाता है, तो परिवार के लिए उसका इलाज कराना काफी कठिन होता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर जीडीपी की 5.6 प्रतिशत राशि खर्च कर रही है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह प्रतिशत 1.3 है। डॉ. सिंह ने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा योजना के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ कर रहे बच्चों के साथ केक काटा और बच्चों का मुंह मीठा कराया। कार्यक्रम में लगभग एक हजार बच्चे अपने परिजनों के साथ उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने बाल हृदय सुरक्षा योजना से स्वस्थ हो चुके बच्चों की शिक्षा के लिए सामने आने वाले शैक्षणिक संस्थान कृष्णा पब्लिक स्कूल की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोई भी योजना तभी सफल होती है, जब योजना के क्रियान्वयन में सभी का सहयोग मिलता है। उन्होंने नया रायपुर स्थित सत्यसांई शिक्षा ट्रस्ट के संजीवनी अस्पताल का भी विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि इस अस्पताल में अब तक चार हजार बच्चों के हृदय का निःशुल्क ऑपरेशन किया जा चुका है। उन्होंने इस योजना में सहयोग देने वाले सभी चिकित्सकों के प्रति भी आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में मधुमेह की बीमारी से जन्मजात पीड़ित बच्चों के लिए निःशुल्क इंसुलिन उपलब्ध कराने की राज्य सरकार की योजना और मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि चिरायु योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है और आवश्यकतानुसार उनका इलाज शासन के खर्च पर स्थानीय अस्पताल, जिला और प्रदेश स्तर के अस्पतालों में कराया जाता है। उन्होंने यह भी बताया-बस्तर अंचल के दूरस्थ जिलों में भी लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के बजट में भी उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। स्वास्थ्य विभाग का बजट लगभग 390 करोड़ रूपए से बढ़कर चार हजार करोड़ रूपए हो गया है। जिला खनिज न्यास निधि में से भी 175 करोड़ रूपए स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि चिरायु योजना में सिकलसेल एनीमिया से पीड़ित बच्चों का चिन्हांकन कर उन्हें कार्ड दिया जाता है और उनके इलाज की समुचित व्यवस्था की जाती है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में स्काई योजना की जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना में 55 लाख लोगों को मुफ्त स्मार्टफोन दिए जाएंगे। बेहतर कनेक्टिविटी के लिए लगभग 1500 मोबाइल टॉवर भी लगाए जाएंगे। इस फोन पर शासन की योजनाओं की जानकारी हिन्दी सहित गोंडी और हल्बी बोली में भी उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि अब वह दिन दूर नही जब बीजापुर का कोई ग्रामीण अपने फोन पर सीधे मुख्यमंत्री से बात कर सकेगा। उन्होंने योजना के संबंध में बताया कि लोक सुराज अभियान के तहत अबूझमाड़ क्षेत्र के भ्रमण के समय वहां के ग्रामीणों ने बेहतर मोबाइल कनेक्टिविटी और मोबाइल की मांग रखी थी। डॉ. सिंह ने बताया कि राज्य शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं की हर तीन माह में समीक्षा की जाती है, जिससे योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर ढंग से सुनिश्चित हो रहा है। नक्सलवाद के संबंध में उन्होंने कहा कि सरगुजा के बाद जल्द ही बस्तर अंचल भी नक्सल समस्या से मुक्त होगा और वहां भी शांति के साथ विकास हो सकेगा। इस माह की 12 तारीख से प्रदेश में प्रारंभ हो रहे बिजली तिहार के संबंध में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री की सौभाग्य योजना के अंतर्गत अगले छह माह में छत्तीसगढ़ के सभी गांवों, सभी पारों, मजरों-टोलों और हर घर में बिजली कनेक्शन पहुंचाए जाएंगे। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव सुब्रत साहू और संचालक श्रीमती रानू साहू भी उपस्थित थीं, मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पॉजीटिव्ह इंडिया पत्रिका द्वारा प्रकाशित “रमन राज्य या तपस्या” पत्रिका का विमोचन भी किया।