आम लोगों की लाइफ लाइन रेल की केयर करने वाला रेलवे मंत्रालय भी अब आम हो रहा है. यहां से वीआईपी कल्चर को धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है. अब एक ऐसी चीज हुई है, जिसे जानकर आपको अच्छा महसूस होगा. दरअसल, मंत्रालय में फैसला लिया गया है कि अधिकारियों के कमरों में टेबल पर घंटी (Bell) नहीं रहेगी. यहां तक कि मंत्री सेल में इस फैसले को लागू कर दिया गया है. खुद रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने कमरे से घंटी को हटवा दिया है. इसी तरह सेल में मौजूद सभी अधिकारियों के कमरों से भी बेल हटा दी गई हैं.
पर आप पूछ सकते हैं कि यदि अटेंडेंट को बुलाना हो तो कैसे बुलाया जाएगा? तो इसके लिए बताया गया है कि खुद मंत्री या अधिकारियों को उठकर कमरे से बाहर जाना होगा और अटेंडेंट को बुलाना होगा. बहुत अधिक व्यस्त होने के कारण यदि वे उठकर नहीं जा सकते तो फिर उन्हें फोन का सहारा लेना होगा. हर कार्य को कराने के लिए उन्हें या तो खुद उठकर चपरासी को बुलाना होगा या फिर उन्हें ऑफिस में फोन करके चपरासी या किसी अन्य जूनियर कर्मचारी को बुलावा भेजना होगा.
अभी तक यह फैसला मंत्री सेल में लागू हुआ है. इसके बाद संभावना है यही फैसला जल्द ही रेलवे बोर्डस में भी लागू होगा. वहां भी अधिकारियों के कमरों से घंटियां हटा दी जाएंगी और उन्हें भी किसी भी काम के लिए किसी कर्मचारी को बुलाने के लिए खुद उठकर कमरे से बाहर जाना पड़ेगा.
8 वंदेभारत में 40 लाख से अधिक यात्री कर चुके हैं सफर
गौरतलब है कि रेलवे इन दिनों काफी तेजी से वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण पर लगा हुआ है. अभी तक चल रही सभी वंदे भारत ट्रेनों को यात्रियों का शानदार रिस्पांस मिला है. रेलवे स्टेशनों को नवीनीकरण किया जा रहा है. मौजूदा समय संचालित हो रही 7 वंदे भारत ट्रेनों ने कुल मिलाकर 23 लाख किलोमीटर का सफर पूरा किया है. ये पृथ्वी के 58 चक्कर लगाने के बराबर है. इन ट्रेनों से अब तक 40 लाख से अधिक यात्री यात्रा कर चुके हैं. इन ट्रेनों में यात्रा करने वाले लोगों का जो समय बचता है