केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सभी प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि वे 10वीं 12वीं की बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए जारी किए गए एडमिट कार्ड सभी विद्यार्थियों को तुरंत दे दें. सीबीएसई का कहना है कि उसके संज्ञान में आया है कि स्कूल प्रबंधक प्री-बोर्ड परीक्षाओं में कम अंक लाने वाले विद्यार्थियों को एडमिट कार्ड नहीं दे रहे हैं. इसके अलावा कुछ स्कूल प्रबंधक एडमिट कार्ड देने के एवज में शुल्क मांग रहे हैं. ये दोनों ही बातें सीबीएसई नियमों के खिलाफ हैं. ऐसे में जो स्कूल इन नियमों का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.
सीबीएसई का यह भी कहना है कि एडमिट कार्ड उन सभी सफल विद्यार्थियों के नाम जारी किए गए हैं जिनके नाम स्कूल प्रबंधकों ने सीबीएससी को भेजे हैं. ऐसे में उनका एडमिट कार्ड रोकना किसी भी दृष्टि से न्यायोचित नहीं है. उधर हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा का कहना है कि प्री-बोर्ड परीक्षा लेने का कोई संवैधानिक नियम नहीं है यह सिर्फ बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए ली जाती है. अगर किसी विद्यार्थी के किसी विषय में कम नंबर आए हैं तो स्कूल प्रबंधकों का यह नैतिक फर्ज बनता है कि वह विद्यार्थी को उस विषय की और अधिक पढ़ाई कराए और उसके द्वारा की गई गलतियों को ठीक कराए लेकिन स्कूल प्रबंधक ऐसा नहीं करते हैं इसकी जगह बच्चे को एडमिट कार्ड ना देकर उसको परेशान करते हैं.
मंच का आरोप है कि नामी-गिरामी स्कूल तो पेरेंट्स पर दबाव डालते हैं कि वह बच्चे की टीसी ले लें और प्राइवेट छात्र के रूप में बोर्ड एग्जाम दिलवाएं. स्कूल प्रबंधक यह कार्य अपने स्कूल का 100 फीसदी रिजल्ट दिखाने के चक्कर में करते हैं. मंच के लीगल एडवाइजर एडवोकेट बीएस विरदी ने अभिभावकों से कहा है कि अगर कोई स्कूल प्रबंधक एडमिट कार्ड नहीं दे रहा है और पैसे मांग रहा है तो तुरंत इसकी शिकायत मंच से करें व 9891505777 पर संपर्क करें. इसके खिलाफ वे कोर्ट में जाएंगे या सीबीएसई से शिकायत करेंगे.