भोपाल, प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों के अंतर्गत गैर-वानिकी कार्य के प्रकरणों से प्राप्त 5 प्रतिशत राशि टाईगर फांउडेशन सोसायटी में जमा करायी जायेगी, इस राशि से वन एवं वन्य प्राणियों के संरक्षण और संवर्धन के कार्य कराये जा सकेंगे, कूनो-पालपुर अभ्यारण्य में प्रदेश के बाघों को रखा जायेगा। यह निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सम्पन्न राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक में लिया गया, बैठक में वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में कहा कि प्रदेश में बाघों और तेंदुओं की संख्या बढ़ाने की दीर्घकालीन योजना बनायें, करंट लगने से बाघ के मरने और बाघ के अवैध शिकार जैसी घटनाओं में सख्त कार्रवाई की जाये, बाघ संरक्षण के लिये वन विभाग समग्रता से विचार करे। इनके रहवासी क्षेत्र में आने से होने वाली जनहानि को रोका जाये। खरमोर और सोन चिरैया के संरक्षण के लिये ग्रासलैंड वृद्धि के प्रयास करें। वन ग्रामों में उज्जवला योजना के गैस सिलेंडर रिफिल करने का कार्य वन समितियों को देने पर विचार करें। इस अवसर पर बताया गया कि प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों में 21 ईको सेंसेटिव जोन की अधिसूचना जारी हो गयी है। बैठक में ग्वालियर जिले के घाटी गांव क्षेत्र में बिठौला से गोकुलपुर मार्ग और गिरवई से तिल्ली फेक्ट्री मार्ग के उन्नयन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। टाईगर क्षेत्रों के मार्गों पर वन्य पशुओं की वाहनों से होने वाली दुर्घटना रोकने के लिये उनके क्रासिंग वाले क्षेत्रों में स्पीड ब्रेकर बनाने पर सहमति दी गई। रातापानी अभ्यारण के अंतर्गत विनेका से बोरपानी तक की ग्रामीण सड़क निर्माण का अनुमोदन किया गया। इसी तरह घाटीगांव क्षेत्र में निरावली-मोहना मार्ग निर्माण का अनुमोदन किया गया। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में वर्ष 2018 में होने वाली बाघ गणना की तैयारियां की जा रही हैं, प्रदेश में 144 ईको पर्यटन क्षेत्र चयनित किये गये हैं। वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिये चलाये जा रहे “क्लोज टू माई हार्ट” कार्यक्रम से प्रदेश में एक हजार लोग जुड़े हैं।, मुख्यमंत्री श्री चौहान और वनमंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार भी इस अभियान से जुड़े हैं। इसके लिये 300 रुपये का दान करना होता है। बैठक में अपर मुख्य सचिव वन दीपक खाण्डेकर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनिमेष शुक्ल सहित वन्य प्राणी बोर्ड के अशासकीय सदस्य तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
मध्यप्रदेश में बाघों और तेंदुओं की संख्या बढ़ाने की दीर्घकालीन योजना बनेगी।
बाघों को कूनो-पालपुर अभ्यारण्य में रखा जायेगा।