जेम्स और ज्वेलरी (Gems and Jewellery) इंडस्ट्री ने बुधवार को कहा कि वह वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट (Budget 2023) से निराश है क्योंकि सरकार ने कस्टम ड्यूटी (Customs Duty) 10 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. उनका मानना है कि इससे कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा.
ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल (GJC) के अध्यक्ष संयम मेहरा ने कहा कि केंद्रीय बजट 2023-24 में जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री की महत्वपूर्ण चिंताओं को दूर नहीं किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘एक ओर जहां प्रयोगशाला में विकसित कच्चे हीरे और मशीनों के विकास के लिए एक आईआईटी को आरएंडडी अनुदान प्रदान किया जाएगा, वहीं सोने पर कस्टम ड्यूटी में कमी करने जैसे मुद्दों सहित इस इंडस्ट्री के अन्य क्षेत्रों को नजरअंदाज कर दिया गया है. यह गंभीर रूप से जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचाएगा और कालाबाजारी को बढ़ावा देगा.’’
सोने के कस्टम ड्यूटी को घटाने की मांग करता रहा है GJC
जीजेसी पिछले कई वर्षों से सोने के कस्टम ड्यूटी में कमी करने का आग्रह कर रहा है. हालांकि, इस बजट में चांदी छड़ पर शुल्क को सोने और प्लैटिनम के बराबर लाने के लिए बढ़ाया गया है. मेहरा ने कहा, ‘‘इस कदम से जनता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. हम सरकार से इंपोर्ट ड्यूटी कम करने का आग्रह करते रहेंगे. हम 4 फरवरी को मुंबई में वित्त मंत्री के साथ बैठक कर रहे हैं, जहां हम एक बार फिर इंडस्ट्री की कस्टम ड्यूटी में कमी, आभूषणों पर ईएमआई, कैपिटल गेन टैक्स में राहत और स्वर्ण मौद्रीकरण (Gold Monetisation) योजना सहित अन्य महत्वपूर्ण चिंताओं पर जोर देंगे.’’
हीरा बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती
वित्त मंत्री ने घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रयोगशाला में हीरा बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती का भी प्रस्ताव किया है.
फिजिकल गोल्ड को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीद में बदलने से कोई कैपिटल गेन नहीं
बजट के एक प्रस्ताव पर सकारात्मक टिप्पणी करते हुए वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के रीजनल सीईओ भारत, सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि बजट घोषणा के अनुसार फिजिकल गोल्ड को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीद में बदलने से कोई कैपिटल गेन नहीं होगा.