केंद्र सरकार के आगामी बजट में देश में स्टार्टअप के लिए और मजबूत परिवेश बनाने वाले कुछ कदमों की घोषणा किए जाने की उम्मीद है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कुछ क्षेत्रों में उल्टा शुल्क ढांचा यानी तैयार उत्पादों के मुकाबले कच्चे माल पर अधिक शुल्क के मुद्दे के समाधान की भी घोषणा कर सकती है. आगामी एक फरवरी को पेश किए जा रहे आम बजट में उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत कुछ अन्य क्षेत्रों के लिये वित्तीय प्रोत्साहन योजना की घोषणा की जा सकती है.
सूत्रों ने बताया कि सरकार इसके अलावा प्रधानमंत्री गति शक्ति पहल के अंतर्गत गठित नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) से स्वीकृत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए कोष जारी करने पर भी विचार कर सकती है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लॉजिस्टिक लागत घटाने के उद्देश्य से एकीकृत अवसंरचनाओं के विकास को ध्यान में रखकर पिछले साल 13 अक्टूबर को गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान शुरू किया था.
जनवरी, 2016 में शुरू की थी स्टार्टअप इंडिया पहल
सरकार देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने वाले कई कदम पहले ही उठा चुकी है. स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत स्टार्टअप के करोबार के विभिन्न स्तरों पर पूंजी उपलब्ध कराने के लिए ‘फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप’ (एफएफएस) योजना, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस) और क्रेडिट गारंटी स्कीम ऑफ स्टार्टअप (सीजीएसएस) को लागू किया गया है. सरकार ने देश में स्टार्टअप का मजबूत माहौल तैयार करने के उद्देश्य से जनवरी, 2016 में स्टार्टअप इंडिया पहल की शुरुआत की थी.
इन सेक्टर्स को मिल सकता है PLI स्कीम का लाभ
सरकार बजट 2023 में खिलौनों, साइकिलों, चमड़े और जूतों के विनिर्माताओं को मदद करने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना से जोड़ सकती है. सूत्रों ने कहा कि सरकार की आगामी बजट में इन उद्योगों को वित्तीय प्रोत्साहन देने की संभावना है क्योंकि सरकार अधिक रोजगार संभावित क्षेत्रों को कवर करने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का विस्तार करना चाहती है. सरकार ऐसे सेक्टर पर फोकस कर रही है जिनमें ज्यादा देने की सक्षमता और संभावना है.