कर्नाटक के कलबुर्गी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ढोल बजाया. रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने सुशासन और सद्भाव का वो रास्ता चुना है, जो सदियों पहले भगवान बस्वेश्वरा ने देश-दुनिया को दिया था. भगवान बस्वेश्वरा ने अनुभव मंडपम जैसे मंच से सामाजिक न्याय और लोकतंत्र का एक मॉडल दुनिया को दिया. समाज के हर भेद-भाव से ऊपर उठकर सबसे सशक्तिकरण का मार्ग उन्होंने हमें दिखाया था.
कलबुर्गी जिले के मालखेड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह बंजारा समुदाय के लोगों के लिए एक बड़ा दिन है. क्योंकि हक्कू पत्र के जरिये 50 हजार से अधिक लोगों को उनके घर का हक मिला है. प्रधानमंत्री ने उत्तरी कर्नाटक के पांच जिलों में घुमंतू लंबानी जनजाति के 52 हजार से अधिक सदस्यों के लिए जमीन का मालिकाना हक देने वाले हक्कू पत्र वितरण अभियान की शुरुआत की.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘‘जीवंत और रंगीन’’ लंबानी (बंजारा) घुमंतू जनजातियों से प्रभावित होकर बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पोशाक, संस्कृति, परंपराएं और खान-पान भारत की ताकत हैं और उनकी सरकार इन सभी के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. पीएम मोदी ने कर्नाटक के इस जिले के मालखेड में उत्साहित भीड़ से कहा, ‘डबल इंजन सरकार (केंद्र और कर्नाटक की भाजपा सरकार) भारत में हर समुदाय की परंपराओं, संस्कृति, व्यंजनों और पहनावे को अपनी ताकत मानती है. हम इस ताकत की रक्षा करने के पक्षधर हैं.’