जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए आतंकियों ने रणनीति बदल ली है. उन्होंने अब ‘सेफ-जोन’ माने जाने वाले जम्मू को निशाने पर ले लिया है. हाल ही में लगातार हुईं आतंकी गतिविधियां, एनकाउंटर और हमले इस ओर संकेत कर रहे हैं कि आतंकवादियों का रुख जम्मू की ओर हो गया है. सूत्रों का कहना है कि आतंकियों ने राजौरी जिले में 1 जनवरी को खुलेआम गोलीबारी की, उसके ठीक दूसरे दिन सोमवार को उसी इलाके में आईईडी ब्लास्ट हुआ. यह सब आतंकियों के जम्मू में सक्रिय होने के संकेत हैं.
सोमवार को हुए इस धमाके में एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि 5 लोग घायल हो गए. वहीं एक शख्स की हालत गंभीर बताई जा रही है. इसके अलावा एक और जगह आईईडी लगी हुई मिली, जिसे सेना ने वक्त रहते हटा दिया. सेना जम्मू में बहुत कम ऑपरेशन चलाती है, लेकिन पिछले 15 महीनों में जवानों ने यहां सघन तलाशी अभियान चलाया है. इस तलाशी अभियान के दौरान सैन्य अधिकारियों सहित 10 जवानों की मौत हो चुकी है. आतंकियों ने उस वक्त सीआईएसएफ की एक बस को निशाना बनाया था. उन्होंने ऊधमपुर में भी वैष्णों देवी जा रही बस पर स्टिकी बम से हमला किया था.
सेना लगातार जब्त कर रही विस्फोटक सामान
इतना ही नहीं, जवान यहां लगातार हथियार, विस्फोटक, ग्रेनेड, आईईडी, आरडीएक्स सहित कई चीजें जब्त कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि जम्मू में हत्या करने से पहले आतंकियों ने लोगों का आइडेंटिटी कार्ड देकखर उनकी पहचान जानी. बता दें, अभी तक जम्मू सेफ-जोन माना जाता था. पर्यटक, स्थानीय नागरिक और कश्मीरी पंडित यहां पूरी तरह सुरक्षित माने जाते थे. लेकिन, आतंकियों का रुख इस तरफ होने से सेना की चिंता बढ़ गई है.
हिंदू कॉलोनी के पास ढेर हुए थे आतंकी
पिछले हफ्ते सेना ने जम्मू जिले में चार आतंकियों को मार गिराया. जिस जगह आतंकियों को ढेर किया गया, वह जगह जगती में हिंदू कॉलोनी के करीब थी. उससे पहले सेना ने ऊधमपुर जिले से 15 किलो आईईडी, 300-400 ग्राम आरडीएक्स जब्त किया था. पिछले साल, जम्मू ने उन आतंकी घटनाओं को देखा, जो उसके इतिहास में कभी नहीं हुईं. उस वक्त सीआईएसएफ के जवान की बस और वैष्णों देवी जा रही बस पर हमला हुआ था. रिपोर्ट बताती है कि वैष्णों देवी जा रही बस में अचानक आग लग गई थी. इस घटना में 4 लोगों की मौत हो गई थी और 22 लोग घायल हो गए थे. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि बस में आग रहस्यमयी धमाका होने के बाद लगी.