दिसंबर के आखिरी और आज साल के अंतिम दिन के आखिरी पलों में शेयर मार्केट ने निवेशकों को तगड़ा झटका दिया. आज बाजार दिन के ऊपरी स्तरों से बड़ी गिरावट दिखाने के बाद बंद (Stock Market Closing) हुए. हालांकि, साल 2022 मार्केट रिटर्न के लिहाज से अच्छा रहा, क्योंकि निवेशकों की संपत्ति इस साल 16.36 लाख करोड़ रुपये से अधिक बढ़ी. भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और मुद्रास्फीति की चिंताओं के बावजूद शेयर बाजार नयी ऊंचाई पर पहुंच गया.
विश्लेषकों ने कहा कि बेहतर व्यापक आर्थिक बुनियाद, खुदरा निवेशकों का विश्वास और 2022 के अंतिम महीनों में विदेशी निवेशकों की वापसी के चलते घरेलू इक्विटी में तेजी आई. इस वजह से दुनिया भर के कई अन्य शेयर बाजारों की तुलना में भारतीय बाजार का प्रदर्शन बेहतर रहा.
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण गिरावट से मिला था बड़ा मौका
साल के शुरुआती दौर में रूस-यूक्रेन युद्ध से बाजारों को झटका लगा था. रूस ने जब 24 फरवरी को यूक्रेन पर अपना हमला शुरू किया, तो 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 2,702.15 अंक या 4.72 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज करते हुए 54,529.91 अंक पर बंद हुआ. बाद के महीनों में, प्रमुख सूचकांक ने खोई हुई जमीन को पुनः प्राप्त किया और इस वर्ष 29 दिसंबर तक 2,880.06 अंक या 4.94 प्रतिशत चढ़ गया.
अमेरिका आधारित हेज फंड हेडोनोवा के सीआईओ सुमन बनर्जी ने कहा, ”बाजार ने भू-राजनीतिक तनाव और तेल की बढ़ती कीमतों के सामने लचीलेपन का प्रदर्शन किया है.” उन्होंने कहा कि 2022 में भारतीय शेयर बाजार ने चुनौतियों और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बावजूद बढ़त दर्ज की. उन्होंने कहा कि इस साल खुदरा निवेशकों ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुत भरोसा दिखाया और एसआईपी में निवेश 2022 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया.