दुनिया के कुछ देशों में और खास तौर पर चीन में कोरोना महामारी (Corona Epidemic) ने सबको सकते में ला दिया है. भारत में इसका क्या असर हो सकता है और क्या बीएफ.7 सब वैरिएंट (BF.7 sub variant) से देश में अगली कोविड लहर आएगी? भारत में हेल्थ डिपार्टमेंट ने भी पुराने अनुभव से सबक लेते हुए किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां की हैं. टेस्टिंग, बूस्टर डोज और अन्य देशों से आने वाले यात्रियों की जांच और अन्य कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है. वहीं देश में भी कोरोना लक्षण वाले मरीजों की खास देखभाल की जा रही है. इस बीच एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में वैक्सीन लग जाने और बूस्टर डोज लगने के कारण इस बार कोरोना का प्रभाव अधिक होने की संभावना कम है.
चीन में मिले और महामारी के प्रभावी होने के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले बीएफ.7 सब वैरिएंट जैसा वैरिएंट फरवरी 2021 में पहली बार सामने आया था और तब से लेकर अब तक यह दुनिया भर के करीब 90 देशों में मिल चुका है. भारत में भी इसके मरीज मिल चुके हैं. इन मरीजों पर इस वायरस का सीमित ही असर रहा और लगभग सभी मरीज आसानी से ठीक हो गए.
भारत में मौजूदा वक्त में 10 से अधिक वैरिएंट
वायरोलॉजिस्ट डॉ गगन दीप कांग का कहना है कि भारत में मौजूदा वक्त में 10 से अधिक वैरिएंट हैं और ये सब होने के बावजूद कोरोना के संक्रमण की दर कम है. लहर या केसों में बहुत तेजी से वृद्धि अब तक नहीं देखी गई है. बीएफ.7 सब वैरिएंट को लेकर सतर्कता बेहद जरूरी है, लेकिन साथ ही इससे घबराने की जरूरत नहीं है. भारत के पास वैक्सीन की इम्युनिटी है और साधन-संसाधन भी भरपूर हैं. लोगों को मास्क आदि लगाना चाहिए. वहीं कोरोना के लक्षण हो तो डॉक्टर से इलाज कराना चाहिए.
बीएफ.7 सब वैरिएंट को लेकर चिंता की कोई बात नहीं
बैंगलोर स्थित टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी के डायरेक्टर डॉ. राकेश मिश्रा ने कहा कि हम लगातार स्थिति-परिस्थितियों पर नजर जमाए हुए हैं. वायरस को लेकर हर घटना और अपडेट को हम फालो कर रहे हैं. बीएफ.7 सब वैरिएंट को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है, लेकिन सावधानी से चूकना नहीं है. सभी को मास्क, हैंड सैनीटाइजर आदि का उपयोग शुरू करना होगा. भीड़-भाड़ वाली जगह से परहेज रखें और कोरोना के लक्षण आते ही इलाज कराएं. भारत में हाइब्रिड इम्युनिटी डेवलप हो चुकी है, इसलिए कोरोना का असर कम ही रहेगा.